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छिन गया आशियाना, राहत की राह देखते रहे अग्निपीड़ित

लखीसराय। प्रखंड के अमहरा पंचायत अंतर्गत दीघा गांव में हुई भीषण अग्निकांड की घटना के दूसर

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 May 2019 05:45 PM (IST)Updated: Wed, 08 May 2019 05:45 PM (IST)
छिन गया आशियाना, राहत की राह देखते रहे अग्निपीड़ित
छिन गया आशियाना, राहत की राह देखते रहे अग्निपीड़ित

लखीसराय। प्रखंड के अमहरा पंचायत अंतर्गत दीघा गांव में हुई भीषण अग्निकांड की घटना के दूसरे दिन बुधवार को पूरे गांव में सन्नाटा पसरा रहा। राख की ढेर के सामने खुले आसमान के नीचे अग्निपीड़ित दिनभर सरकारी मदद की राह देखते रहे। घटना के दूसरे दिन भी जिले का कोई पदाधिकारी गांव नहीं पहुंचा। अगलगी में बेघर हुए कुल 48 परिवार कड़ी धूप एवं भीषण गर्मी में किसी पेड़ या मकान की छाया में बैठे रहे। क्योंकि पीड़ितों को ना रहने का घर था ना खाने के लिए कुछ सामान बचा था। घरों में जो नकद रुपये थे वह भी जलकर राख हो गया था।

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सुबह 10 बजे के पहले लखीसराय के विधायक सह राज्य के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा दर्जनों भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ जब दीघा गांव पहुंचे तो अग्निपीड़ितों को मदद व राहत की उम्मीद जगी। मंत्री ने पीड़ितों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने अग्निपीड़ितों को विश्वास दिलाया कि विपदा की घड़ी में वे उनके साथ हैं। पीड़ित परिवारों ने मंत्री श्री सिन्हा को बताया कि अग्निकांड में उनका सब कुछ जलकर राख हो गया है। उनके पास अब कुछ नहीं बचा है। मंत्री ने पीड़ितों को जिले के अधिकारियों से बात कर जल्द मदद पहुंचाने का आश्वासन देकर वापस लौट गए।

पीड़िता रानी देवी, अनिता देवी, लालमुनि देवी, क्रांति देवी, सुनीता देवी, मालती देवी सहित दर्जनों महिलाएं अपने जले हुए घर एवं राख हो चुके सामानों को दिखाते हुए बताया कि जो कुछ भी था। सब जलकर राख हो गया। पीड़ित परिवारों के लिए इस भीषण गर्मी में सबसे गंभीर समस्या घर की है। क्योंकि अगलगी में पूरा घर राख में बदल गया है। जहां सिर छिपाने के लिए कुछ उपाय नहीं है। अग्निपीड़ित दिनभर इस उम्मीद में बैठे रहे कि सरकारी स्तर पर कुछ भोजन एवं अन्य सुविधा की व्यवस्था होगी। लेकिन सुबह से शाम बीत गया। पीड़ितों को कोई सरकारी मदद नहीं मिली। पीड़ित प्रसादी केवट, रंजीत केवट, राजकुमार केवट, सुरेंद्र केवट, किशोर केवट, राजो केवट सहित कुल 48 परिवार का आशियाना छीन गया है। इन पीड़ितों ने बताया कि हम लोगों के पास कुछ नहीं बचा है। रोजगार के लिए जो व्यवसायिक वाहन था। वह जलकर राख हो गया। घटना के बाद दीघा गांव में हर तरफ राख की ढेर नजर आ रही है। पीड़ित परिवार रोटी, कपड़ा और मकान की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। सीओ रमेश कुमार ने बताया कि दीघा में 48 एवं कुरोता में चार अग्निपीड़ित परिवारों को आपदा प्रबंधन की ओर से राशि और प्लास्टिक शीट देने की कार्रवाई की जा रही है।

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