संस्थागत प्रसव व परिवार नियोजन लक्ष्य से दूर
लखीसराय। समाहरणालय स्थित मंत्रणा कक्ष में शुक्रवार को जिलाधिकारी शोभेन्द्र कुमार चौधरी की
लखीसराय। समाहरणालय स्थित मंत्रणा कक्ष में शुक्रवार को जिलाधिकारी शोभेन्द्र कुमार चौधरी की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक हुई। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान संस्थागत प्रसव एवं परिवार नियोजन के निर्धारित लक्ष्य से काफी पीछे रहने पर जिलाधिकारी ने ¨चता व्यक्त करते हुए हर हाल में लक्ष्य पूरा कराने का निर्देश सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार को दिया। चालू वर्ष में नवंबर तक जिले में 66 फीसद कराने का लक्ष्य निर्धारित था जिसमें से मात्र 45 फीसद ही संस्थागत प्रसव कराया जा सका है। सिर्फ नवंबर 18 में जिले में 199 घरेलू प्रसव हुआ है। जबकि इस माह तक परिवार नियोजन के निर्धारित लक्ष्य 66 फीसद की जगह मात्र 24 फीसद ही कराया जा सका है। सूर्यगढ़ा पीएचसी अंतर्गत कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं के प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं करने को लेकर डीएम ने सिविल सर्जन को सूर्यगढ़ा पीएचसी के एकाउंटेंट एवं बीसीएम का दस-दस दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया। 586 महिलाओं का जननी बाल सुरक्षा योजना की राशि का भुगतान लंबित पाया गया। जबकि अबतक 528 गर्भवती महिलाओं का बैंक खाता नहीं खुला है। माह नवंबर तक निर्धारित लक्ष्य 66 फीसद के विरूद्ध मात्र 36 फीसद ओपीडी एवं 35 फीसद भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या पाई गई। जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराकर मरीजों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया। समीक्षा के दौरान शत-प्रतिशत नियमित टीकाकरण पाया गया। इस अवसर पर 15 जनवरी से शुरू होने वाले मिजिल्स-रूबेला टीकाकरण की सफलता को लेकर जिला टॉस्क फोर्स की बैठक भी की गई। जिसमें नौ माह से 15 वर्ष तक के शत-प्रतिशत बच्चों को मिजिल्स-रूबेला टीका लगाने को लेकर कार्ययोजना तैयार की गई। बैठक में डीडीसी विनय कुमार मंडल, आइसीडीएस के डीपीओ कुमारी अनुपमा, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. नलिनी कांत प्रसाद, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार भारती, डीपीएम मु. खालिद हुसैन, जिला लेखापाल पंकज मिश्रा, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. रामेश्वर महतो, सभी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम, लेखापाल आदि मौजूद थे।