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जैविक कॉरिडोर के लिए छह गांवों का चयन

लखीसराय। खेतों में रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशी दवाओं के अंधाधुंध प्रयोग से मिट्टी, जल एवं

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 07:40 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 07:40 PM (IST)
जैविक कॉरिडोर के लिए छह गांवों का चयन
जैविक कॉरिडोर के लिए छह गांवों का चयन

लखीसराय। खेतों में रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशी दवाओं के अंधाधुंध प्रयोग से मिट्टी, जल एवं वायु दूषित हो रहा है। इससे पर्यावरण एवं मानव जीवन पर बुरा असर पड़ रहा है। इसको लेकर कृषि विभाग ने रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशी दवाओं के प्रयोग पर अंकुश लगाने एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने को लेकर गंगा नदी के दक्षिणी भाग में बसे जिले के तीस गांवों को जैविक कॉरिडोर बनाने के लिए चिह्नित करते हुए प्रथम चरण में छह गांवों का चयन किया गया है। जिसमें से तीन गांवों को जैविक खेती के लिए अंगीकरण एवं प्रमाणीकरण से विकसित कर जैविक कॉरिडोर बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है।

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प्रथम चरण में चिह्नित एवं कार्य शुरू होने वाले गांव

बड़हिया प्रखंड अंतर्गत खुटहाडीह एवं लाल दियारा, पिपरिया प्रखंड अंतर्गत रामचंद्रपुर एवं रहाटपुर, सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत नंदपुर एवं वंशीपुर गांव शामिल है। जिसमें से खुटहाडीह को कृषि समन्वयक संजय कुमार, रामचंद्रपुर को कृषि समन्वयक श्याम कुमार एवं वंशीपुर को कृषि समन्वयक रत्नेश कुमार के नेतृत्व में जैविक कॉरिडोर बनाया जा रहा है।

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जैविक कॉरिडोर बनाने के लिए हुए कार्य

खुटहाडीह, रामचंद्रपुर एवं वंशीपुर गांव में पचास-पचास किसानों का समूह बनाया गया है। सहकारिता विभाग से तीनों किसान समूह का निबंधन कराया गया है। जैविक खेती करने के लिए समूह के प्रत्येक किसान को 3,500-3,500 रुपये मूल्य का जैव उर्वरक उपलब्ध कराया गया है। तीनों गांवों के किसान समूह का बिहार स्टेट सीड कॉरपोरेशन एसोसिएशन पटना से निबंधन कराने की प्रक्रिया जारी है।

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होने हैं ये कार्य

तीनों गांव के सभी किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके बाद जैविक खेती प्रोत्साहन योजना एवं दियारा विकास योजना से किसानों को जैविक उर्वरक एवं अन्य जैव सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। जैविक खेती शुरू करने पर किसानों को बिहार राज्य आर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसी द्वारा प्रमाणीकरण का प्रमाण-पत्र एवं ब्लू रंग का लोगो दिया जाएगा। तीन वर्षों तक लगातार जैविक खेती करने के बाद किसानों को हरा रंग का लोगो दिया जाएगा। इसके आधार पर किसानों को अधिक कीमत पर उत्पाद बेचने को लेकर बाजार की व्यवस्था की जाएगी। उत्पाद को सुरक्षित रखने के लिए जिला में एक बड़ा फ्रीज एवं एक कोल्ड स्टोर बनाया जाएगा।

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जिला कृषि पदाधिकारी महेन्द्र प्रताप ¨सह ने बताया कि तीन गांव को जैविक कॉरिडोर बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। जैविक खेती करने के प्रति किसान काफी उत्साहित हैं। समूह के किसान के अलावा संबंधित गांव के किसान जैविक उर्वरक एवं अन्य जैविक सामग्री प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील हैं। जल्दी ही उक्त तीनों गांव के शत-प्रतिशत किसान जैविक खेती करना शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद चिह्नित अन्य तीन गांव को भी जैविक कॉरिडोर बनाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।


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