किऊल नदी से एक अक्टूबर से होगा बालू का उठाव
लखीसराय। लखीसराय-जमुई किऊल नदी से बालू का उठाव एक अक्टूबर से संभव माना जा रहा है। ऐसा
लखीसराय। लखीसराय-जमुई किऊल नदी से बालू का उठाव एक अक्टूबर से संभव माना जा रहा है। ऐसा इसलिए कि जिस कंपनी ने इन दो जिलों के लिए टेंडर लिया था, उसने विभाग को पैसा जमा कर दिया है। अब पर्यावरण स्वीकृति मिलने के बाद विभाग बालू उठाव करने का आदेश जारी कर देगा।
बता दें कि लखीसराय-जमुई किऊल नदी बालू घाट की बंदोबस्ती यूपी की वेस्ट¨लक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 16.07.2016 को 49 करोड़ रुपये में सबसे ज्यादा बोली लगाकर लिया था। टेंडर लेने के बाद कंपनी ने पहली किश्त के रुप में लखीसराय एवं जमुई खनन कार्यालय में छह करोड़ तेरह लाख और छह करोड़ 12 लाख रुपये जमा की थी। काफी दिनों के बाद भी पर्यावरण की स्वीकृति नही मिलने के बाद लखीसराय और जमुई खनन कार्यालय ने 8.11.2017 और 9.11.2017 को उसकी बंदोबस्ती को रद करते हुए दोनों जिलों में रिवर्स ऑक्सन के जरिए बालू घाट की बंदोबस्ती कर डाली। विभाग की इस कार्रवाई के बाद वेस्ट¨लक कंपनी ने पटना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद कोर्ट ने सभी पहलुओं को देखने के बाद फिर से वेस्ट¨लक कंपनी को लखीसराय-जमुई किऊल नदी से बालू उठाव करने का आदेश जारी करते हुए रिवर्स ऑक्सन के तहत की गई बंदोबस्ती को रद कर दिया। कोर्ट ने कंपनी को सात दिनों के भीतर पैसे जमा करने का आदेश दिया था। जिसके फलस्वरूप कंपनी ने लखीसराय खनन कार्यालय में 5 करोड़ 58 लाख 93 हजार 210 रुपये जमा कर दी है। अब कंपनी को सिर्फ पर्यावरण की स्वीकृति प्राप्त करनी है। बता दें कि जिस पर्यावरण की स्वीकृति सिया कमेटी देती है वह 2.7.2017 को भंग हो गई थी। अब जब सिया कमेटी का गठन फिर से हो गया है तो माना जा रहा है कि कंपनी को पर्यावरण की स्वीकृति भी मिल जाएगी। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि लखीसराय-जमुई किऊल नदी से बालू का उठाव एक अक्टूबर से शुरू हो जाएगा।