परीक्षा परिणाम जारी करने के समय एसटीईटी को रद किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण
लखीसराय । बिहार में शैक्षणिक अराजकता का माहौल कायम है। हर तरफ भ्रष्टाचार की बू आ र
लखीसराय । बिहार में शैक्षणिक अराजकता का माहौल कायम है। हर तरफ भ्रष्टाचार की बू आ रही है। यही कारण है कि जब परीक्षा परिणाम जारी करने का समय आया तो राज्य सरकार का शिक्षा विभाग ने एसटीईटी की परीक्षा को रद कर दिया। इसको लेकर पूर्व से ने कोई चर्चा थी न ही कहीं से किसी ने मांग की थी। आखिर विभाग ने किसके दबाव में एसेा निर्णय लेकर बेरोजगार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है यह जांच का विषय है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर के संयोजक नीरज कुमार ने एक बयान जारी करके इसकी तीखी आलोचना की है। उन्होंने इस संबंध मे कई सवाल उठाते हुए राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। 28 जनवरी को जब परीक्षा ली गई थी तो त्रिस्तरीय जांच की व्यवस्था की गई थी। प्रत्येक परीक्षा हॉल में जेमर लगाया गया था तथा जूता, चप्पल, बेल्ट व आभूषण गेट के बाहर ही खुलवा दिया गया था। परीक्षा के संपूर्ण समय काल की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई थी। परीक्षा हॉल में एक बेंच पर दो ही विद्यार्थियों को बैठाया गया था। जिस सेंटर पर विद्यार्थियों ने परीक्षा का बहिष्कार किया था वहां की परीक्षा पुन: फरवरी में ली गई थी। परीक्षा के बाद किसी छात्र संगठन या अन्य विद्यार्थियों के समूह द्वारा रद करने की मांग नहीं की गई। परीक्षा समिति ने 15 मई तक हर हाल में रिजल्ट घोषित करने की बात कही थी। बोर्ड अध्यक्ष ने इसके बाद कोई आपत्ति भी दर्ज नहीं की। फिर परीक्षा को रद करने जैसी तुगलकी फरमान जारी करके सरकार ने बेरोजगार छात्रों के साथ क्रूर मजाक किया है। अखिल भरतीय विद्यार्थी परिषद इस मुद्दे को बेकार नहीं जाने देगी।