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लखीसराय के वार्ड नंबर छह में पीसीसी योजना की होगी जांच

धर्मरायचक मोहल्ले में पीसीसी योजना में संवेदक द्वारा घटिया सामग्री का किया गया उपयोग सोशल मीि

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 05:44 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 06:12 AM (IST)
लखीसराय के वार्ड नंबर छह में पीसीसी योजना की होगी जांच
लखीसराय के वार्ड नंबर छह में पीसीसी योजना की होगी जांच

धर्मरायचक मोहल्ले में पीसीसी योजना में संवेदक द्वारा घटिया सामग्री का किया गया उपयोग

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सोशल मीडिया में घटिया निर्माण कार्य का वीडियो हुआ वायरल, संवेदक व कनीय अभियंता को नोटिस

संवाद सहयोगी, लखीसराय : नगर परिषद लखीसराय क्षेत्र में क्रियान्वित की जाने वाली सात निश्चय योजना के तहत पक्की गली-नाली योजना की निगरानी एवं अनुश्रवण के लिए कई अभियंताओं को जिम्मेदारी तय की गई है। लेकिन हाल यह है कि सरकार की योजनाओं में घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर जैसे तैसे पक्की गली नाली का निर्माण कराया जा रहा है। जिसे देखने वाला कोई नहीं है। नगर परिषद के अभियंता और संवेदक की सांठगांठ से योजना की गुणवत्ता को ताक पर रखकर कार्य किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला शहर के वार्ड नंबर-6 धर्मरायचक मोहल्ले का सामने आया है। नगर परिषद द्वारा दो वर्ष पूर्व स्वीकृत की गई पक्की गली-नाली योजना का कार्य दो दिन पूर्व संवेदक द्वारा कराया गया। स्थानीय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता संजय कुमार प्रजापति ने मोहल्ले में दिनेश राम के घर से बिनोद चौधरी के घर तक पक्की गली-नाली योजना के क्रियान्वयन में संवेदक द्वारा उपयोग की गई घटिया सामग्री का वीडियो एवं फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किया। वीडियो में पक्की गली निर्माण में मिट्टी पर ढलाई एवं ढलाई में घटिया छड़ और प्लास्टिक की बोरी का उपयोग करते दिखाया गया। सामाजिक कार्यकर्ता संजय कुमार प्रजापति ने बताया कि पक्की गली नाली योजना के नाम पर राशि का बंदरबांट किया गया है। घटिया छड़ एवं मानक के अनुसार बालू-सीमेंट का भी उपयोग नहीं किया गया है। गली में पुराने ईंट के टुकड़े और मिट्टी के उपर ढलाई की गई है। उन्होंने बताया कि जिस समय घटिया सामग्री से निर्माण कार्य किया जा रहा था उस समय नगर परिषद के कनीय अभियंता पदमाकर ठाकुर को फोन कर स्थलीय जांच करने को कहा गया। लेकिन कनीय अभियंता योजना स्थल पर नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा कि वार्ड नंबर छह में ही मुख्यमंत्री गली नाली योजना में बरती गई अनियमितता की जांच 19 नवंबर को लोकायुक्त बिहार की टीम द्वारा की जानी है। जांच से पूर्व संवेदक द्वारा वर्षों से अधूरी योजना को किसी तरह ढलाई कर पूरा कर दिया गया है। जिसमें बड़ा घालमेल है। उधर निर्माण कार्य में घटिया सामग्री इस्तेमाल से संबंधित वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए नप ईओ डॉ. बिपिन कुमार ने योजना की स्थलीय जांच कराने की बात कही है। उन्होंने संबंधित योजना के संवेदक और कनीय अभियंता से स्पष्टीकरण मांगा है। नप ईओ ने कहा है कि योजना स्थल पर जहां ढलाई की गई उसे तोड़ कर फिर से गुणवत्ता के साथ ढलाई कराई जाएगी। नप के सभापति सुनील कुमार ने कहा है कि योजना का क्रियान्वयन सही तरीके से किया गया है। उन्होंने घटिया सामग्री के उपयोग करने की बात को खारिज कर दिया है।


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