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सदर अस्पताल : बिजली गुल हुई तो मरीजों की जाएगी जान

सदर अस्पताल में विगत एक वर्ष से नहीं है जेनरेटर की सुविधा तीन माह से सौर उर्जा भी नहीं क

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 05:05 PM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 05:05 PM (IST)
सदर अस्पताल : बिजली गुल हुई तो मरीजों की जाएगी जान
सदर अस्पताल : बिजली गुल हुई तो मरीजों की जाएगी जान

सदर अस्पताल में विगत एक वर्ष से नहीं है जेनरेटर की सुविधा, तीन माह से सौर उर्जा भी नहीं कर रहा काम

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रात में बिजली गुल होने पर प्रसव कक्ष व इमरजेंसी में मोमबत्ती के सहारे मरीजों का होता है इलाज

संवाद सहयोगी, लखीसराय : मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। दूसरी ओर सदर अस्पताल लखीसराय में विगत एक वर्ष से जेनरेटर की व्यवस्था नहीं है। जेनरेटर की व्यवस्था नहीं रहने के कारण सदर अस्पताल प्रशासन द्वारा सौर उर्जा के माध्यम से बिजली की व्यवस्था की गई। परंतु तीन माह से सौर उर्जा भी काम करना बंद कर दिया है। इस कारण रात में बिजली गुल होने पर सदर अस्पताल अंधेरे में डूब जाता है। ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों एवं सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सदर अस्पताल प्रशासन द्वारा आपरेशन थिएटर में तो इनवर्टर की व्यवस्था कर बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। परंतु रात में बिजली गुल होने पर प्रसव कक्ष में मोमबत्ती के सहारे प्रसव कराया जाता है।जबकि इमरजेंसी में भी मोमबत्ती के सहारे ही मरीजों का इलाज होता है। सदर अस्पताल में जेनरेटर बंद होने का कारण

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राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा निविदा निकाल कर आउट सोर्स एजेंसी को सदर अस्पताल सहित जिले के सभी पीएचसी में जेनरेटर की सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गई। आउट सोर्स एजेंसी द्वारा बिजली उपलब्ध रहने की अवधि में भी जेनरेटर चलाने का अस्पताल प्रशासन को बिल उपलब्ध कराया गया। अस्पताल प्रशासन द्वारा विद्युत विभाग से बिजली उपलब्ध कराने का आंकड़ा उपलब्ध कराते हुए बिजली गुल रहने की अवधि का ही आउट सोर्स एजेंसी को जेनरेटर संचालित करने का भुगतान किया गया। अस्पताल प्रशासन द्वारा जेनरेटर संचालित करने के बिल में कटौती करने के विरोध में आउट सोर्स एजेंसी द्वारा न्यायालय में मामला दायर कराया गया। इसको लेकर विगत एक वर्ष से सदर अस्पताल में जेनरेटर बंद है। जेनरेटर बंद होने पर अस्पताल प्रशासन द्वारा सौर उर्जा के सहारे बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था की गई। विगत तीन माह से सौर उर्जा भी काम करना बंद कर दिया है। कोट

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न्यायालय के आदेश आने के बाद ही सदर अस्पताल में जेनरेटर की व्यवस्था हो पाएगी। सौर उर्जा की मरम्मत कराने का प्रयास किया जा रहा है। सौर उर्जा ठीक होने तक सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष एवं इमरजेंसी में भी इनवर्टर की व्यवस्था की जाएगी।

डॉ. अशोक कुमार सिंह, प्रभारी उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, लखीसराय


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