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लखीसराय बाइपास : मेगा ब्लॉक के इंतजार में लटकी है योजना

122 करोड़ की लागत से 6.593 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य पूर्ण किऊल-गया व किऊल-मोकामा र

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 08:03 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 08:03 PM (IST)
लखीसराय बाइपास : मेगा ब्लॉक के इंतजार में लटकी है योजना
लखीसराय बाइपास : मेगा ब्लॉक के इंतजार में लटकी है योजना

122 करोड़ की लागत से 6.593 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य पूर्ण

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किऊल-गया व किऊल-मोकामा रेलखंड पर आरओबी को जोड़ना बाकी

सीआरएस कोलकाता से मेगा ब्लॉक मिलने का किया जा रहा है इंतजार

अनुमति मिलते ही 15 दिनों में हो जाएगा रेलखंड पर गटर चढ़ाने का कार्य संवाद सहयोगी, लखीसराय : रेलवे द्वार मेगा ब्लॉक की अनुमति नहीं मिलने के कारण लखीसराय जिले की ड्रीम प्रोजेक्ट बाइपास सड़क पूरा नहीं हो पाया है। उम्मीद की जा रही है कि लोकसभा चुनाव की समाप्ति के बाद निर्माण कार्य पूर्ण हो पाएगा। इस परियोजना के तहत किऊल-गया एवं किऊल-मोकामा रेलखंड पर दो जगहों में आरओबी को आपस में जोड़ने के लिए पांच-पांच की संख्या में गटर लगाने का कार्य बाकी है। शेष सभी कार्य पूर्ण कर लिया गया है। पथ निर्माण विभाग के कनीय अभियंता राघवेंद्र कुमार ने बताया कि रेलवे बोर्ड से स्वीकृति मिलने के बाद मेगा ब्लॉक के लिए सीआरएस कोलकाता को पत्र भेजा गया है। लेकिन अभी तक मेगा ब्लॉक की अनुमति नहीं दिए जाने के कारण इन दोनों रेलखंड पर ओवरब्रिज को जोड़ा नहीं जा सका है। इस कारण कारण यह परियोजना पूरी नहीं हो सकी है। सीआरएस कोलकाता से अनुमति मिलने के बाद दानापुर रेलमंडल से अनुमति ली जाएगी। कनीय अभियंता ने बताया कि रेलवे द्वारा मेगा ब्लॉक मिलने के बाद 10 से 15 दिन में दोनों रेलखंड पर गटर चढ़ा लिया जाएगा। इसकी तैयारी कर ली गई है। पथ निर्माण विभाग के अभियंताओं की मानें तो बाइपास सड़क 6.593 किलोमीटर का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इस ड्रीम प्रोजेक्ट के पूरा होने से जिले में विकास की रफ्तार बढ़ेगी और चिकनी सड़क पर लोग फर्राटे भरेंगे। फिलहाल बाइपास सड़क से सटे अस्थाई रास्ते से छोटे वाहनों का परिचालन जारी है। जानकारी हो कि राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 मई 2013 को लखीसराय आकर 122 करोड़ की लागत से बाइपास सड़क निर्माण कार्य का कार्यारंभ किया था। सात मीटर चौड़ी वाली 6.593 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है। इस परियोजना के तहत 44 आरओबी पाइल और छह पुल-पुलिया का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। मुख्यमंत्री ने योजना का कार्य शुरू करते हुए योजना पूर्ण करने की अंतिम तिथि 21 मई 2015 तय की थी। लेकिन, कतिपय कारणों से सीएम द्वारा निर्धारित समय तक कार्य पूर्ण नहीं हुआ। सरकार ने कार्य करा रही एजेंसी को 31 दिसंबर 2018 तक कार्य पूर्ण करने का फिर से निर्देश दिया ताकि चुनाव से पूर्व इसका उद्घाटन हो सके। लेकिन कार्य एजेंसी द्वारा पथ निर्माण कार्य पूर्ण कर लेने के बाद मामला रेलवे की पेंच में फंसा हुआ है।


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