मंझियांवा के ग्रामीणों ने टैंकर के पानी का किया बहिष्कार
पेयजल के स्थाई समाधान करने की मांग को ले ग्रामीणों ने लोकसभा के प्रत्याशी को घेरने का बन
पेयजल के स्थाई समाधान करने की मांग को ले ग्रामीणों ने लोकसभा के प्रत्याशी को घेरने का बनाया मन संवाद सहयोगी, लखीसराय : जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत जंगली-पहाड़ी क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांव में पेयजल का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। इसको लेकर पीएचईडी द्वारा लोगों की प्यास बुझाने के लिए गत शनिवार से खैरा, चंपानगर, बसुहार, नवकाडीह, उरैन एवं मंझियांवा गांव में टैंकर से पानी भेजना शुरू किया। परंतु मंझियांवा के ग्रामीणों ने पेयजल के स्थाई समाधान करने की मांग को लेकर टैंकर के पानी का बहिष्कार करते हुए टैंकर को बैरंग वापस लौटा दिया। मंझियांवा में ग्रामीण इस बार पेयजल की समस्या का स्थाई समाधान करने की मांग को लेकर लोकसभा के प्रत्याशी को घेरने का मन बना लिया है। इसकी जानकारी मिलते ही विभिन्न दल के प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों की बेचैनी काफी बढ़ गई है। इसको लेकर एक विशेष दल के प्रत्याशी के समर्थक मंगलवार को मंझियांवा गांव पहुंचकर ग्रामीणों को लोकसभा चुनाव के बाद पेयजल का स्थाई समाधान कराने का आश्वासन देते हुए टैंकर का पानी लेने का आग्रह किया। परंतु ग्रामीण टैंकर का पानी लेने के लिए तैयार नहीं हुए। इसके बाद प्रत्याशी के समर्थक के आग्रह पर पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता ई. हरेराम मंझियांवा गांव पहुंचकर लोकसभा चुनाव के बाद वहां पेयजल का स्थाई समाधान करने का ग्रामीणों को आश्वासन देकर ग्रामीणों से टैंकर का पानी लेने का आग्रह किया। इसके बाद भी ग्रामीण टैंकर का पानी लेने के लिए तैयार नहीं हुए। इधर पूर्व सरपंच बाल्मीकि मंडल, ग्रामीण अंगद यादव, जीतन राम, दीपक राम आदि ग्रामीणों ने बताया कि हर चुनाव के समय नेताओं द्वारा पेयजल के स्थाई समाधान करने का ग्रामीणों को आश्वासन दिया जाता है। परंतु चुनाव समाप्त होते ही नेताजी जनता को दिए गए आश्वासन को भूल जाते हैं। इस बार वे लोग चुनावी आश्वासन के झांसे में आने वाले नहीं हैं। वे लोग मीलों दूर पानी लाकर प्यास बुझाएंगे परंतु टैंकर का पानी नहीं लेंगे। इधर पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता ई. हरेराम ने बताया कि मंझियांवा गांव में बोरिग कराने का टेंडर हो गया है। लोकसभा चुनाव के बाद ही बोरिग कार्य कराकर पाइप लाइन के जरिए लोगों को पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा।