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भ्रष्टाचार तो शिष्टाचार है, उसपर कार्रवाई अनाचार है..

लखीसराय। राजकीयकृत प्लस टू उच्च विद्यालय बड़हिया के प्रांगण में रविवार को साहित्य सर्जना परिषद के तत्

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Dec 2017 07:36 PM (IST)Updated: Sun, 17 Dec 2017 07:36 PM (IST)
भ्रष्टाचार तो शिष्टाचार है, उसपर कार्रवाई अनाचार है..
भ्रष्टाचार तो शिष्टाचार है, उसपर कार्रवाई अनाचार है..

लखीसराय। राजकीयकृत प्लस टू उच्च विद्यालय बड़हिया के प्रांगण में रविवार को साहित्य सर्जना परिषद के तत्वावधान में मगही के कबीर मथुरा प्रसाद नवीन की 16 वीं पुण्यतिथि मनाई गई। साहित्यकार डॉ. सत्येन्द्र अरूण की अध्यक्षता में इस मौके पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। मंच का संचालन कवि राजेन्द्र कंचन ने किया। सम्मेलन का उद्घाटन कवि परमेश्वरी ¨सह अनपढ़, डॉ. सत्येन्द्र अरुण, सच्चिदानंद पाठक, राजेंद्र कंचन, समाजसेवी कृष्णमोहन ¨सह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम की शुरुआत गायक पंकज भारद्वाज के द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण से हुई। इस मौके पर राज्य भर से आये दर्जनों कवियों ने कविता का पाठ किया। कवि राजेन्द्र कंचन ने भ्रष्टाचार तो शिष्टाचार है, उसपर कार्रवाई अनाचार है। दयाशंकर बेधड़क ने पलट गए पल में पलटू राम, साथी संगी पागल हो गए, जनता सब हैरान। डॉ. सच्चिदानंद ने आंख नोचकर आंसू गिराना सरकारी मजबूरी है, लोकतंत्र में प्रदर्शन बहुत जरूरी है। कृष्णानंद चौधरी ने याद तुम बहुत आते हो चले गये तुम कहां पास क्यों नहीं आते हो। देंवेंद्र आजाद ने नेता दरोगा त सलाम ठोकय है हमर है बेटा रंगदार। राजेंद्र राज ने अब तो आया जमाना बेटी का, नाम रौशन कराना बेटी का। राजेश्वरी ¨सह ने हमने जब बेपनाहों से दोस्ती की है। मुन्द्रिका ¨सह ने सुन रे बबुआ सुन रे बुतरूआ, हमर वचन पर धरना ध्यान है। विकास ने नहीं तुम जीद करो, मुझसे दोबारा कौन जाता है। सुधीर प्रोग्रामर ने टुकूर टुकूर ताके छी सरंगों के ओर, हमरो विधाता है कितना कठोर। गजलकार अनिरूद्ध सिन्हा ने काम ऐसा वो कर गया चुपचाप मेरे दिल में उतर गया चुपचाप। राम बहादुर चौधरी ने खुदा से तुम नहीं यारो तुम्ही से खुदाया है। कवि परमेश्वरी ने पछिया बयरिया में धान के कियरिया में उगल आवे भोर के किरनिया। दशरथ महतो ने जंगल की चिट्ठी आई है, रौशन ने परों को खोला जमाना उड़ान देखता प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को भाव विभोर कर दिया। वहीं गोरे लाल कव्वाल ने नाक से बांसुरी बजाकार लोगों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। कवि सम्मेलन में स्थानीय कवि राममूरत, शिवदानी ¨सह बच्चन, पंकज कुमार, कवि रवि, संजीव कुमार, चन्द्र देव बिहारी आदि ने भी अपनी कविता प्रस्तुत की। इस अवसर पर नवीन चेतना समिति के सदस्यों ने उपस्थित कवियों को फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। स्वागत भाषण सौरव कुमार ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के पूर्व सभी कवि एवं समिति के सदस्य नवीन जी की प्रतिमा स्थल पर उन्हें माल्यापर्ण किया। इस मौके पर डॉ.आनन्द मोहन, विकास कुमार, सुनील कुमार सेवी, शिववालक ¨सह, बासुकी नाथ ¨सह, मिथिलेश प्रसाद ¨सह, उपेन्द्र ¨सह, वार्ड आयुक्त विजय राम, विनोद ¨सह, दिलीप कुमार ¨सह, डॉ. संजय, सुजीत कुमार, सुधीर कुमार, रामप्रवेश कुमार, दिग्विजय कुमार, रितेश कुमार, मिथिलेश कुमार, निरंजन पाठक, रजनीश, संजीव, शिवशंकर कुमार, आकाश गुंजन, अभय कुमार, सोमनाथ, गौरव, शशि सहित कई लोग उपस्थित थे।


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