गंगा ने दी लोगों को राहत हरूहर अभी भी बनी हुई है आफत
खगड़िया। गंगा नदी के जलस्तर का घटना शनिवार को भी जारी रहा। लेकिन गंगा की सहायक नदी ह
खगड़िया। गंगा नदी के जलस्तर का घटना शनिवार को भी जारी रहा। लेकिन गंगा की सहायक नदी हरुहर अभी भी लोगों के लिए आफत बनी हुई है। साथ ही तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है।
हरुहर नदी के जलस्तर में शनिवार को भी चार से पांच इंच की बढ़त हुई है। बड़हिया नगर एवं प्रखंड सहित टाल क्षेत्र के लोग पानी-पानी हो गए हैं। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। शनिवार को बड़हिया बीडीओ नीरज कुमार एवं सीओ रामआगर ठाकुर ने प्रखंड के टाल क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया तथा वहां के बाढ़ पीड़ितों से मिलकर उनकी परेशानियों को सुना। हरूहर के जल स्तर में वृद्धि होने से एजनीघाट, पाली, सरौरा, फदरपुर, कोठवा आदि गांव के नए-नए जगहों पर पानी प्रवेश कर रहा है। जिसके चलते लोग अपने मवेशी एवं रोजमर्रा के सामानों के साथ सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं। इधर गंगा नदी के जल स्तर में हो रही कमी से लोग राहत महसूस कर रहे हैं। लेकिन लोगों की परेशानी अभी कम नही हुई है। राहत शिविर में अभी भी बाढ़ पीड़ित जस के तस बने हुए हैं। लगभग 600 बाढ़ पीड़ितों को सुबह शाम भोजन एवं नाश्ता दिया जा रहा है। पशुओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। लगता है बाढ़ पीड़ितों का दुर्गा पूजा पर्व राहत शिविर में ही बीतेगा। कारण पानी जिस रफ्तार से घट रहा है उससे लगता है कि एक सप्ताह के बाद ही गंगा का जल स्तर किनारे को छोड़ वापस अपने जगह पर आएगा। टाल जाने वाले सारे रास्ते पर अभी भी पानी का तेज बहाव हो रहा है। जिससे आवागमन बंद है। नगर एवं प्रखंड के सभी निचले जगहों पर बाढ़ का पानी अभी भी भरा हुआ है। बीडीओ नीरज कुमार एवं सीओ रामआगर ठाकुर ने बताया कि हरुहर नदी के जल स्तर में वृद्धि जारी है। टाल के पाली, सरौरा एवं एजनीघाट तथा सायरबीघा के दलित मुहल्ले बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। फसलों का भी काफी नुकसान हुआ है। गंगा के जल स्तर में गिरावट हुई है।