भूटान के पूर्व प्रधानमंत्री ने लाली पहाड़ी का लिया जायजा
लखीसराय। राज्य सरकार द्वारा नगर परिषद लखीसराय अंतर्गत जयनगर लाली पहाड़ी को राजकीय स्मारक
लखीसराय। राज्य सरकार द्वारा नगर परिषद लखीसराय अंतर्गत जयनगर लाली पहाड़ी को राजकीय स्मारक घोषित किए जाने के बाद इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित करने की भी कवायद शुरू कर दी गयी है। शुक्रवार को भूटान के पूर्व प्रधानमंत्री जिग्मी योसर थिनले के नेतृत्व में आठ सदस्यीय पर्यटकों की टीम लखीसराय पहुंची। स्थानीय निवासी एवं इतिहासकार अशोक ¨सह के साथ भूटान के पूर्व पीएम एवं अन्य पर्यटक लखीसराय स्थित जयनगर लाली पहाड़ी पर गए। जहां उन्होंने खोदाई स्थल को बारीकी से देखा और पहाड़ी की खोदाई में मिले बौद्ध काल के पौराणिक एवं ऐतिहासिक प्रमाण के बारे में जानकारी ली। इससे पहले आठ सदस्यीय टीम लाली पहाड़ी पर पहुंचते ही वहां दशकों से मंदिर में स्थापित भगवान की मूर्ति की पूजा की। इसके बाद पौराणिक मूर्तियों की तस्वीर को कैमरे में कैद किया। भूटान से आए पर्यटकों ने कहा कि वे स्थानीय निवासी अशोक ¨सह के बुलावे पर लाली पहाड़ी को देखने और यहां खोदाई में मिले बौद्धकाल के प्रमाण को जानने आए हैं। पहाड़ी का निरीक्षण के दौरान भूटान के पीएम और अन्य लोग मीडिया से दूरी बनाकर पहाड़ी पर अब तक किए गए खोदाई स्थल को देखा और कैमरे में कैद किया। स्थानीय निवासी अशोक ¨सह ने एक गाइड के रूप में पूर्व पीएम एवं अन्य भूटानी पर्यटकों को लाली पहाड़ी की खोदाई एवं उसके पौराणिक इतिहास की जानकारी दी। उन्होंने पर्यटकों को लाली पहाड़ी पर से ही बिछवे पहाड़ को दिखाया तथा उसके बारे में भी जानकारी दी। श्री ¨सह ने रामपुर गांव स्थित गो¨वद बाबा मंदिर से लेकर जिले के अन्य पौराणिक स्थलों एवं उसके ऐतिहासिक महत्व के बारे में बताया। लाली पहाड़ी के निरीक्षण के बाद भूटान से आई टीम जिले के चानन प्रखंड अंतर्गत ज्वालप्पा मंदिर पहुंची। जहां पूर्व प्रधानमंत्री सहित सभी लोगों ने मंदिर में माथा टेका, अगरबत्ती जलाई और वहां के पौराणिक मूर्तियों की तस्वीर कैमरे में कैद की। लाली पहाड़ी पर सुरक्षा को लेकर कबैया थाना के एसआई संजीव कुमार पुलिस बल के साथ मौजूद थे।