लाभुक आधारित योजना के छात्र-छात्राओं के अभिलेख की होगी जांच
लखीसराय। राज्य सरकार सरकारी स्कूलों में लाभुक आधारित कई योजना चला रही है। विद्यालय स्त
लखीसराय। राज्य सरकार सरकारी स्कूलों में लाभुक आधारित कई योजना चला रही है। विद्यालय स्तर पर योजना का लाभ दिलाने के लिए फर्जीवाड़ा का खेल खेला जाता है। विभाग ने पाया है कि बिना 75 फीसद उपस्थिति वाले छात्रों की भी सूची तैयार करके प्रधानाध्यापकों के द्वारा भेजी जाती है। वर्ष 2018-19 लाभुक आधारित योजना की सूची लखीसराय जिले के सभी विद्यालय के प्रधानाध्यापकों ने विभाग को दे दी है लेकिन योजना का लाभ देने से पहले विभाग के प्रधान सचिव ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा छात्र-छात्राओं की उपलब्ध कराई गई सूची की जांच कराने का आदेश जारी किया है। खास बात यह भी है कि शिक्षा विभाग के राज्य मुख्यालय ने लखीसराय जिले में अगस्त एवं सितंबर महीने में माध्यमिक एवं प्लस टू स्कूलों का जब औचक निरीक्षण करवाया तो जिले के माध्यमिक एवं प्लस टू विद्यालय में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति मात्र 25.85 फीसद पाई गई। जबकि विद्यालय के प्रधानाध्याकों की सूची के अनुसार 70 से 80 फीसद छात्रों को योजना का लाभुक बनाया गया है। विभाग ने इसे गंभीरता से लिया। जब विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति 30 फीसद भी नहीं है तो फिर योजना के लाभुकों का आंकड़ा 70 फीसद से अधिक कैसे है। मतलब साफ है सरकार व विभाग के तमाम निर्देश व निगरानी के बाद भी योजना राशि के नाम पर फर्जीवाड़ा का खेल खेला जा रहा है। विभाग के निर्देश पर डीपीओ लेखा योजना परशुराम ¨सह ने लखीसराय, चानन एवं सूर्यगढ़ा प्रखंड के माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को लाभुक आधारित योजना से लाभान्वित होने वाले छात्र-छात्राओं का नामांकन पंजी, टीसी, गार्ड फाइल, छात्र उपस्थिति पंजी, दैनिक शुल्क संकलन पंजी के साथ कार्यालय में उपस्थित होकर जांच करवाने को कहा है। वर्ष 2018 में मैट्रिक पंजीयन की अभिलेख जांच में डीपीओ रमेश पासवान ने फर्जीवाड़ा पकड़ा था। लेकिन, पूरे मामले की लीपापोती कर दी गई थी।