आस्था ने बदल दी शहर की सूरत, घर से घाट तक दिखी स्वच्छता की झलक
लखीसराय । लोक आस्था का महापर्व छठ शुद्धता और पवित्रता के साथ संपन्न हो गया। इस पर्व में स्वच्छता
लखीसराय । लोक आस्था का महापर्व छठ शुद्धता और पवित्रता के साथ संपन्न हो गया। इस पर्व में स्वच्छता का खास महत्व माना जाता है। इसी परंपरा के तहत इस बार भी शहर से गांव तक और घर से छठ घाट तक स्वच्छता ही स्वच्छता नजर आई। पूरा शहर जगमग कर रहा था। जिस किऊल नदी में गंदगी का अंबार लगा हुआ था। लोग सुबह शाम नदी में जाकर खुले में शौच करते थे। घाटों के किनारे कीचड़ और दलदल जमा थे। उन घाटों की छठा देखने लायक थी। नदी में गंदगी दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रही थी। लोगों के अंदर पर्व की आस्था इस कदर बढ़ गई कि वे खुद नदी के हर घाट की सफाई कर उसे फूलों से सजाया। लोग स्वच्छता के प्रति जिस तरह इस त्योहार में सजग दिखते हैं काश इसी तरह हर रोज सभी लोग स्वच्छता को अपनी आदत में शामिल कर लें तो लखीसराय की तस्वीर बदल सकती है। लेकिन इस चार दिन की स्वच्छता के बाद लोग फिर सब कुछ भूल जाते हैं। बड़ा सवाल यह है कि हर किसी को छठ मैया के प्रकोप का डर और पर्व के प्रति पवित्रता के कारण ही स्वच्छता के प्रति संवेदनशील बना देता है। करीब दो लाख की आबादी वाले लखीसराय शहर के सभी 33 वार्डों की हर गली और मोहल्ले से गंदगी चार दिन के लिए गायब हो गई। पुरानी बाजार चितरंजन रोड खास महल कचहरी के पास, तीन नंबर ट्रांसफार्मर के पास, अभिमन्यु चौक, नटराज सिदूर फैक्ट्री के पास, प्रभात चौक, पचना रोड, शिवपुरी मोहल्ला, कबैया रोड जाने वाली सड़क, इंग्लिश मोहल्ला सहित ऐसे दर्जनों मोहल्ले जहां 24 घंटे कचरे की ढेर और गंदगी फैली रहती है वहां की स्वच्छता देखते बन रही थी। छठ पर्व की आस्था ने लोगों के दिल और दिमाग को इस कदर बदल दिया कि कचरे की ढेर और गंदगी गायब हो गई। हर जगह मोहल्ले के लोग सड़कों और मोहल्ले की गलियों में रंग-बिरंगी रंगोली बनाकर पूरे शहर की सूरत बदल दी। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी डॉ. विपिन कुमार बताते हैं कि शहरवासी जागरूक हो जाएं तो लखीसराय अलग दिखेगा। छठ महापर्व जैसी स्वच्छता हमेशा बनी रहे इसके लिए आम लोगों को अपनी आदतों में बदलाव लाने की जरूरत है।