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धान अधिप्राप्ति की तिथि समाप्त, लक्ष्य नहीं हुआ पूरा

लखीसराय। किसानों को उचित मूल्य दिलाने एवं व्यापारियों के मनमाने पन पर रोक लगाने के लिए सरकार ने पैक

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 07:16 PM (IST)Updated: Sun, 22 Apr 2018 07:16 PM (IST)
धान अधिप्राप्ति की तिथि समाप्त, लक्ष्य नहीं हुआ पूरा
धान अधिप्राप्ति की तिथि समाप्त, लक्ष्य नहीं हुआ पूरा

लखीसराय। किसानों को उचित मूल्य दिलाने एवं व्यापारियों के मनमाने पन पर रोक लगाने के लिए सरकार ने पैक्स एवं व्यापार मंडल के माध्यम से धान की अधिप्राप्ति कराने का कार्य शुरू किया है। धान अधिप्राप्ति के लिए जिले के 43 पैक्स एवं तीन व्यापार मंडल को धान अधिप्राप्ति करने के लिए अधिकृत करते हुए 26 हजार मीट्रिक टन धान अधिप्राप्ति करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। 31 मार्च 18 को ही धान अधिप्राप्ति की तिथि समाप्त हो गई है। परंतु तमाम प्रयास के बावजूद जिले के 2,045 किसानों से मात्र 16,071.50 मीट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की जा सकी है। धान अधिप्राप्ति को लेकर अधिकृत पैक्स एवं व्यापार मंडल को 15 करोड़ 64 लाख 44 हजार रुपये कैश क्रेडिट किया गया। जिसमें से अब तक अधिप्राप्ति किए गए धान में से अबतक 11,019.10 मीट्रिक टन धान राइस मिल को उपलब्ध कराया गया है। जिसमें से राइस मील द्वारा राज्य खाद्य निगम को 7,348.42 मीट्रिक टन चावल उपलब्ध कराया गया है। धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य पूरा नहीं होने का कारण

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सरकार द्वारा साधारण धान अधिप्रापति का 1,470 रुपये प्रति ¨क्वटल एवं ए ग्रेड धान का 1,510 रुपये प्रति ¨क्वटल अधिप्राप्ति करने का दर निर्धारित था। परंतु इससे अधिक कीमत व्यापारियों से ही किसानों को मिल जाता था। इस कारण किसान पैक्स एवं व्यापार मंडल को धान देने के बजाए व्यापारियों के यहां ही धान बेचना मुनासिब समझा। यही कारण है कि धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। क्या कहते हैं पदाधिकारी

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जिला सहकारिता पदाधिकारी मो. शहनवाज आलम ने बताया कि साधारण धान का पैक्स एवं व्यापार मंडल में 1,470 रुपये प्रति ¨क्वटल दर निर्धारित था। जबकि इस बार बाजार में धान की दर 1,600 रुपये से अधिक रही। जिस कारण किसानों ने अधिकांश धान की बिक्री व्यापारियों के यहां की। यही कारण है कि धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका।


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