जीविका दीदियों को 221 करोड़ से अधिक का मिला बैंक ऋण
संवाद सहयोगी किशनगंज जिला में जीविका के माध्यम से गरीब ग्रामीण महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक स्तर पर सशक्त बनाने की दिशा में लगातार सकारात्मक कार्य किए जा रहे हैं।
संवाद सहयोगी, किशनगंज : जिला में जीविका के माध्यम से गरीब ग्रामीण महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक स्तर पर सशक्त बनाने की दिशा में लगातार सकारात्मक कार्य किए जा रहे हैं। जीविका दीदियों के लिए जीविकोपार्जन के साधन विकसित करने के लिए ऋण मुहैया कराया जा रहा है। जीविका परियोजना की तरफ से 12 हजार दो सौ 22 जीविका स्वयं सहायता समूहों को लगभग 18 करोड़ 33 लाख रुपए परिक्रमी निधि (आरएफ) के रूप में दी गई। वहीं 11 हजार एक सौ 72 स्वयं सहायता समूहों को लगभग 83 करोड़ 80 लाख रुपए आईसीएफ (इनिशियल कैपिटीलाईजेशन फंड) की राशि दी गई।
यह राशि एक प्रतिशत की ब्याज दर पर जीविका दीदियों को उपलब्ध कराई गई है। समूह में जरूरत के अनुसार यह ऋण राशि दीदियों के बीच साझा होती है, ताकि जरूरतमंद दीदियों को इसका लाभ मिल सके। जीविका ने बैंक के साथ मिलकर कम ब्याज पर जीविका दीदियों को ऋण उपलब्ध करवाकर इस समस्या का हल निकाला। 14 हजार तीन सौ दो स्वयं सहायता समूहों को अब तक प्रथम, द्वितीय और तृतीय किश्त के रूप में लगभग 221 करोड़ से अधिक बैंक ऋण दिए गए हैं। साथ ही जो जीविका समूह बैंक ऋण समय पर वापस कर रही हैं उन सभी समूहों को पांच प्रतिशत तक ब्याज में छूट भी दिया जा रहा है। वित्तीय साक्षरता से दीदियों को बैंक से जुड़े कार्यों में किसी प्रकार की धोखाधड़ी से बचने में सहायता मिल रही है। दीदियों को हस्ताक्षर करना भी सिखाया गया है। जीविका के प्रभारी जिला परियोजना प्रबंधक ने बताया कि बैंक के साथ जुड़ाव के साथ ही वित्तीय समावेशन हेतु 15 हजार 823 समूहों का बचत खाता विभिन्न बैंकों में खुलवाया गया है। स्वयं सहायता समूहों को बैंकों से प्राप्त 99 प्रतिशत राशि ससमय वापस आ जाता है। इस वजह से जीविका दीदियों को मिले बैंक ऋण से संबंधित एनपीए. लगभग 0.86 प्रतिशत से भी कम है। जीविका के माइक्रो फाइनेंस मैनेजर मु. बाहउद्दीन ने बताया कि किशनगंज जिला में जीविका बैंक सखी दीदियों द्वारा विभिन्न बैंकों से जुड़ा 25 ग्राहक सेवा केंद्र का भी संचालन किया जा रहा है। इन केंद्रों से गांव में जीविका दीदियों सहित अन्य लोगों को उनके घर पर ही बैंकिग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।