ठंड का हो रहा आगमन, बच्चों व बुजुर्गो का रखें खास ख्याल
संवाद सहयोगी किशनगंज दुर्गा पूजा के समापन के साथ ही मौसम में बदलाव आना शुरू हो चुका है।
संवाद सहयोगी, किशनगंज : दुर्गा पूजा के समापन के साथ ही मौसम में बदलाव आना शुरू हो चुका है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में फर्क भी आने लगा है। ऐसे में शिशुओं, बच्चों व बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सर्दियों के साथ निमोनिया जैसी संक्रमित बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। जिनमें से एक निमोनिया भी है। सर्दियों के आगमन के साथ ही, बच्चों की उचित देखभाल के साथ-साथ संपूर्ण टीकाकरण बहुत जरूरी है।
टीकाकरण से निमोनिया का रोकथाम संभव :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. रफत हुसैन ने बताया निमोनिया सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। बैक्टीरिया, वायरस या फंगल की वजह से फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है। आमतौर पर बुखार या जुकाम होने के बाद निमोनिया होता है और यह 10 दिन में ठीक हो जाता है। लेकिन पांच साल से छोटे बच्चों व 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और इसलिए निमोनिया का असर जल्द होता है। बैक्टीरिया से बच्चों को होने वाले जानलेवा निमोनिया को टीकाकरण कर रोका जा सकता है। बच्चों को पीसीवी का टीका दो माह, चार माह, छह माह, 12 माह और 15 माह पर लगाने होते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पताल में आवश्यक टीकाकरण की सुविधा मौजूद है तथा जिले में संपूर्ण टीकाकरण हेतु एएनएम के द्वारा संपूर्ण टीकाकरण का कार्यक्रम आंगनबाड़ी केंद्रों में भी किया जाता है।
उन्होंने बताया कि जन्म होते ही बच्चों को ओरल पोलियो, हेपेटाइटिस बी, बीसीजी और डेढ़ महीने बाद ओरल पोलियो 1, पेंटावेलेंट 1, एफआईपीवी 1, पीसीवी 1, रोटा 1 का टीका जरूरी है। ढाई महीने बाद ओरल पोलियो 2, पेंटावेलेंट 2, रोटा 2 व साढ़े तीन महीने बाद ओरल पोलियो 3, पेंटावेलेंट 3, एफआईपीवी 2, रोटा 3, पीसीवी 2,नौ से 12 माह में मीजल्स 1, मीजल्स रुबेला 1, जेई 1, पीसीवी बूस्टर, विटामिन ए और 16 से 24 माह में मीजल्स 2, मीजल्स रुबेला 2, जेई 2, बूस्टर डीपीटी, पोलियो बूस्टर, जेई 2 का टीका लगवाना अनिवार्य है। इसके अलावा 5 से 6 साल में डीपीटी बूस्टर 2, 10 साल में टिटनेस, 15 साल में टिटनेस, गर्भवती महिला को - टिटनेस 1 या टिटनेस बूस्टर के साथ ही बच्चा छह महीने से कम का है, तो 6 महीने तक नियमित रूप से केवल स्तनपान कराएं। स्तनपान प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में जरूरी है।