बिहार में फिर शर्मसार हुई खाकी: घूसखोरी के गुर सिखाते पुलिसकर्मी का वीडियो वायरल
बिहार में घूसखोरी का गुर सिखाते एक पुलिस अधिकारी का वीडियो वायरल हुआ है। घटना की जांच शुरू कर दी गई है। क्या है मामला, जानने के लिए पढ़ें यह खबर।
By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 18 Mar 2018 01:57 PM (IST)Updated: Mon, 19 Mar 2018 07:09 PM (IST)
style="text-align: justify;">किशनगंज [जेएनएन]। बिहार पुलिस घूसखोरी की कोचिंग क्लास भी चलाती है। चौंकिए नहीं, यह महकमे के कुछ भ्रष्ट तत्वों का अनऑफिशियल धंधा है। इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो से इसका खलासा हुआ है। घटना छत्तरगाछ ओपी प्रभारी द्वारा पोठिया के अंचलाधिकारी (सीओ) को रिश्वत लेने के गुर सिखाने का है।
वीडियो में ओपी प्रभारी पृथ्वी पासवान सीओ को बड़ी मछली फंसाने के लिए चारा फेंकने के गुर सिखाते नजर आ रहे हैं। घटना की जानकारी मिलने पर एसपी राजीव मिश्रा ने एसडीपीओ कामिनी बाला को मामले की जांच कर रविवार तक जांच प्रतिवेदन सौंपने का निर्देश दिया है।
जानिए, क्या है वीडियो में
वायरल वीडियो में छत्तरगाछ कचहरी परिसर में सीओ व ओपी प्रभारी समेत अन्य लोग बातचीत कर रहे हैं। इसमें ओपी प्रभारी यह कहते नजर आ रहे हैं कि 'बंसी फंसाइएगा तभी ना मछली फंसेगी और लक्ष्मी आएगी। कुछ दिनों पूर्व इंस्पेक्टर साहब टाइट किए थे तो उन्हें माल पहुंचा दिया गया था। इसलिए बंसी फेंकते रहना चाहिए।'
वीडियो में ओपी प्रभारी यह भी कहते नजर आ रहे हैं कि इलाके में सक्रिय बालू माफिया से वे खासे नाराज हैं। बालू माफिया उनके अधीनस्थ कर्मियों को सौ-पचास देकर गाड़ी पास करा लेता था, जबकि उनके हाथ खाली रह जाते थे। ओपी प्रभारी कह रहे हैं कि इंदिरा आवास के नाम पर एक ट्रैक्टर बालू का चलान बना कर माफिया कई गाड़ी बालू पार कराने में सफल हो जाते हैं। पुलिस के पास अधिकार सीमित होने के कारण ओपी प्रभारी सीओ को लालच दे रहे थे कि वे बंसी फंसाएं।
एसपी ने दिया जांच का आदेश
घटना की बाबत किशनगंज के एसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि एसडीपीओ को जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। आरोप सत्य पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। आरोप के घेरे में आए पुलिसकर्मी का मोबाइल बंद मिल रहा है। उधर, सीओ वीरेंद्र कुमार सिंह ने वीडियो को फेक बताया है।
वीडियो में ओपी प्रभारी पृथ्वी पासवान सीओ को बड़ी मछली फंसाने के लिए चारा फेंकने के गुर सिखाते नजर आ रहे हैं। घटना की जानकारी मिलने पर एसपी राजीव मिश्रा ने एसडीपीओ कामिनी बाला को मामले की जांच कर रविवार तक जांच प्रतिवेदन सौंपने का निर्देश दिया है।
जानिए, क्या है वीडियो में
वायरल वीडियो में छत्तरगाछ कचहरी परिसर में सीओ व ओपी प्रभारी समेत अन्य लोग बातचीत कर रहे हैं। इसमें ओपी प्रभारी यह कहते नजर आ रहे हैं कि 'बंसी फंसाइएगा तभी ना मछली फंसेगी और लक्ष्मी आएगी। कुछ दिनों पूर्व इंस्पेक्टर साहब टाइट किए थे तो उन्हें माल पहुंचा दिया गया था। इसलिए बंसी फेंकते रहना चाहिए।'
वीडियो में ओपी प्रभारी यह भी कहते नजर आ रहे हैं कि इलाके में सक्रिय बालू माफिया से वे खासे नाराज हैं। बालू माफिया उनके अधीनस्थ कर्मियों को सौ-पचास देकर गाड़ी पास करा लेता था, जबकि उनके हाथ खाली रह जाते थे। ओपी प्रभारी कह रहे हैं कि इंदिरा आवास के नाम पर एक ट्रैक्टर बालू का चलान बना कर माफिया कई गाड़ी बालू पार कराने में सफल हो जाते हैं। पुलिस के पास अधिकार सीमित होने के कारण ओपी प्रभारी सीओ को लालच दे रहे थे कि वे बंसी फंसाएं।
एसपी ने दिया जांच का आदेश
घटना की बाबत किशनगंज के एसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि एसडीपीओ को जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। आरोप सत्य पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। आरोप के घेरे में आए पुलिसकर्मी का मोबाइल बंद मिल रहा है। उधर, सीओ वीरेंद्र कुमार सिंह ने वीडियो को फेक बताया है।
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