Move to Jagran APP

ग्रोवर एप से राज्य के चाय उत्पादक किसानों को मिलेगी जानकारी

किशनगंज। भारतीय चाय बोर्ड (टी बोर्ड आफ इंडिया) छोटे चाय बागान मालिकों को उच्च प्राथमिकता देगी। देश में कुल चाय उत्पादन में इनका उल्लेखनीय योगदान है। यह बातें टी बोर्ड आफ इंडिया (टीबीआई) ठाकुरगंज के चाय विकास पदाधिकारी विकास कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि टी बोर्ड आफ इंडिया छोटे चाय उत्पादकों को उच्च प्राथमिकता देता है क्योंकि भारत के चाय उत्पादन में इनका 47 प्रतिशत योगदान है। अन्यथा देश को चाय का आयात करना पड़ता।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 11:57 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 11:57 PM (IST)
ग्रोवर एप से राज्य के चाय उत्पादक किसानों को मिलेगी जानकारी
ग्रोवर एप से राज्य के चाय उत्पादक किसानों को मिलेगी जानकारी

किशनगंज। भारतीय चाय बोर्ड (टी बोर्ड आफ इंडिया) छोटे चाय बागान मालिकों को उच्च प्राथमिकता देगी। देश में कुल चाय उत्पादन में इनका उल्लेखनीय योगदान है। यह बातें टी बोर्ड आफ इंडिया (टीबीआई) ठाकुरगंज के चाय विकास पदाधिकारी विकास कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि टी बोर्ड आफ इंडिया छोटे चाय उत्पादकों को उच्च प्राथमिकता देता है क्योंकि भारत के चाय उत्पादन में इनका 47 प्रतिशत योगदान है। अन्यथा देश को चाय का आयात करना पड़ता।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि छोटे चाय उत्पादक किसानों की वजह से ही भारत के पास निर्यात के लिए अधिशेष चाय है। उन्होंने कहा कि छोटे उत्पादकों द्वारा उत्पादित हरी पत्ती की चाय का मूल्य निर्धारण चाय विपणन नियंत्रण आदेश के प्रावधानों के तहत होता है। चाय उद्योग के सामने गुणवत्ता सबसे बड़ी समस्या है। 47 फीसदी लघु उत्पादक हैं जिनके पास तीन हेक्टेयर से कम के बागान हैं। इन लोगों में जागरूकता की कमी है। वे कम कीमत में ही स्थानीय कंपनियों को पत्तियां बेच देते हैं जो गुणवत्ता का ध्यान नहीं देते। हमारे कई निर्यातक देशों में यह नियम है कि चाय में कीटनाशक नहीं होने चाहिए। इसी के मद्देनजर छोटे चाय उत्पादक कृषकों को उनके उत्पादन का सही मूल्य, समय-समय पर सरकारी अनुदेश, सही वक्त पर मौसम की जानकारी आदि सहित अन्य कई जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय के निर्देशानुसार चाय सहयोग ग्रोवर एप की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने बताया कि इस एप्स के सहयोग से छोटे चाय उत्पादक किसानों को अपने क्षेत्र अंतर्गत संचालित चाय फैक्ट्रियों में चाय पत्ती की क्या दर है उन्हें एप्स के माध्यम से प्रतिदिन मालूम कराई जाएगी। जिससे चाय उत्पादक किसानों व फैक्ट्रियों के बीच पारदर्शिता बनी रहेगी और किसानों को सही लाभ होगा। उन्होंने कहा कि किस मौसम में किस तरह की खाद व दवाओं का प्रयोग करना है, चाय की खेती के वैज्ञानिक तरीके व नुख्शें, टी बार्ड के संचालित योजनाओं आदि उन्हें एप के द्वारा चाय के विशेषज्ञ वैज्ञानिक बताएंगे जिससे उन्हें चाय की खेती करने में लागत में कमी व चाय उत्पादन में बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि चाय बोर्ड चाय उद्योग को सालाना सब्सिडी उपलब्ध कराती है। इस एप्स सिस्टम से जुड़ने पर वह किसान टी बोर्ड आफ इंडिया के मान्यता प्राप्त चाय कृषक की सूची में जुड़ जाएंगे और वे टी बोर्ड द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी से लाभान्वित हो सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.