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अलविदा का जुमा आज, घरों में पढ़ें नमाज

- सामूहिक रूप से नहीं पढ़ी जाएगी नमाज संवाद सहयोगी किशनगंज माह-ए-रमजान के पाक माह क

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 May 2020 11:47 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 06:12 AM (IST)
अलविदा का जुमा आज, घरों में पढ़ें नमाज
अलविदा का जुमा आज, घरों में पढ़ें नमाज

- सामूहिक रूप से नहीं पढ़ी जाएगी नमाज

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संवाद सहयोगी, किशनगंज : माह-ए-रमजान के पाक माह का अंतिम जुमा यानी अलविदा का जुमा आज है। कोरोना वायरस जैसी महामारी को लेकर सामूहिक रूप से नमाज पढ़ने पर रोक लगाई गई है। जिस कारण लोग मस्जिदों में सामूहिक नमाज नहीं पढ़ सकेंगे। हालांकि घरों में अपने परिवार के साथ नमाज अदा कर सकते हैं।

इस संबंध में रुईधासा निवासी कारी असद रजा ने कहा कि अल्लाह पाक ने रमजान के इनाम के बदले में रोजेदारों को ईद तोहफा में दिया है। ईद की अहमियत रोजदार के लिए है। रमजान माह के अंतिम जुमा को अलविदा जुमा कहा जाता है, मतलब माह रमजान में पड़ने वाले आखिरी जुमा होता है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सामूहिक नमाज पढ़ने पर पाबंदी है। उन्होंने लोगो से अपील किया अपने घरों में ही नमाज पढ़ें। नमाज के बाद सुरक्षा, समृद्धि तथा देश में अमन व शांति के लिए दुआ मांगें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक रोजेदार को ईद से पहले फितरा अवश्य निकालना चाहिए। उन्होंने कहा की रमजान में रोजा न रखना बहुत बड़ा गुनाह है। रोजे की अहमियत इसलिए और अधिक है कि इसमें गरीब अमीर सब एक समान यानी बराबर है और सबके लिए एक ही रास्ता बताया गया है। हर रोजेदार को गुनाहों से तौबा कर अल्लाह पाक से माफी मांगनी चाहिए। एक नई जिदगी को शुरू करने का इरादा करना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अपने घरों के आस-पास के गरीब तस्किम लोगों को जकात करो, ताकि उनकी भी ईद खुशी के साथ संपन्न हो सके।


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