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छुआछूत से नहीं हवा में फैले बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है कुष्ठ रोग

स्वस्थ शरीर इंसान की सबसे बड़ी पूंजी है। लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जो इंसान को शारीरिक रूप से तो हानि तो पहुंचाती हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2022 08:05 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2022 08:05 PM (IST)
छुआछूत से नहीं हवा में फैले बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है कुष्ठ रोग
छुआछूत से नहीं हवा में फैले बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है कुष्ठ रोग

छुआछूत से नहीं हवा में फैले बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है कुष्ठ रोग

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संवाद सहयोगी, किशनगंज : स्वस्थ शरीर इंसान की सबसे बड़ी पूंजी है। लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जो इंसान को शारीरिक रूप से तो हानि तो पहुंचाती हैं। मानसिक और सामाजिक रूप से भी आघात पहुंचाती हैं। इनमें कुष्ठ रोग (लेप्रोसी) भी शामिल है। जिले में कुष्ठ रोग निवारण के लिए नियमित रूप से अभियान चलाए जा रहे हैं। कुष्ठ बीमारी को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। जिले में वर्तमान में कुल 520 व्यक्ति कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं। इनका इलाज जारी है। यह बातें गुरुवार को एसीएमओ सह जिला कुष्ठ विभाग के प्रभारी पदाधिकारी डा. सुरेश प्रसाद ने प्रशिक्षण के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि एसीएमओ के कार्यालय में राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत डाक्टर और कर्मियों को कुष्ठ निवारण का प्रशिक्षण दिया गया। लोग कुष्ठ को छुआछूत की बीमारी समझते हैं। लेकिन सच्चाई इससे परे है। कुष्ठ एक ऐसी बीमारी है जो हवा में मौजूद बैक्टीरिया के जरिए फैलती है। हवा में ये बैक्टीरिया किसी बीमार व्यक्ति से ही आते हैं। इसलिए इसे संक्रामक रोग भी कहते हैं। यानी यह संक्रमण या सांस के जरिए फैलती है। अगर कोई इंसान कुष्ठ रोग बीमारी से ग्रसित व्यक्ति से हाथ मिलाएंगे या उसे छू लेंगे तो उन्हें यह बीमारी बिल्कुल नहीं होगी। लेकिन अगर संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने से लेप्रै बैक्टीरिया हवा में डेवलप हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में स्वस्थ व्यक्ति के भी संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है। कुष्ठ के कारण मरीज के शरीर पर सफेद चकत्ते यानी निशान पड़ने लगते हैं। ये निशान वाले स्थान सुन्न हो जाते हैं। ऐसे स्थान पर किसी तरह का सेंसेशन नहीं होता है। अगर आप इस जगह पर कोई नुकीली वस्तु चुभोकर देखेंगे तो मरीज दर्द का अहसास नहीं होगा। ऐसे सफेद चकत्ते या निशान शरीर के किसी एक हिस्से पर शुरू हो सकते हैं। जो ठीक से इलाज ना कराने पर पूरे शरीर में भी फैल सकते हैं। यह बीमारी अधिक भयानक रूप लेने के साथ प्रभावित अंग को गलाने लगती है। डा. सुरेश प्रसाद ने कहा कि कुष्ठ से पीड़ित मरीजों के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क जांच एवं इलाज की सुविधा उपलब्ध है। समय से इलाज करके कुष्ठ रोग से बचाव किया जा सकता है। पहले लोग कुष्ठ पीड़ित होने पर अक्सर छुपाते थे। जिस वजह से यह बीमारी बढ़ता जा रहा था। लेकिन अब लोग जागरूक हो चुके हैं और अब अस्पताल पहुंच कर इलाज करवा रहे हैं। कुष्ठ से पीड़ित मरीजों को थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। ताकि यह बीमारी अन्य लोगों में नही फैले। इसमें इलाज और दवाई के साथ विशेष तरह का जूता एवं चप्पल पहनने की जरूरत है।


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