मारपीट में घायल की बिजली मिस्त्री की मौत पर फूटा आक्रोश
किशनगंज। मारपीट में घायल बिजली मिस्त्री की मौत को लेकर रविवार को पुलिस के खिलाफ लोगों
किशनगंज। मारपीट में घायल बिजली मिस्त्री की मौत को लेकर रविवार को पुलिस के खिलाफ लोगों का गुस्सा सड़क पर उतर आया। बीच सड़क पर शव रखकर मृतक के परिजनों एवं ग्रामीणों ने आरोपितों की गिरफ्तारी का मांग करने लगे। इसकी सूचना पाकर मौके पर पहुंचे टाउन थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने मृतक के परिजनों को समझा-बुझा कर सड़क जाम मुक्त करने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। वहीं टाउन थानाध्यक्ष ने एसडीएम को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंचे एसडीएम शहनावज अहमद निजामी ने आक्रोशित परिजनों एवं ग्रामीणों को समझा-बुझा कर शांत कराया। उन्होंने आरोपितों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी का भरोसा दिलाया।
वहीं घटना के संबंध में मृतक के भाई सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि टेउसा पंचायत के ढेकसरा गांव निवासी 49 वर्षीय हरिशंकर शर्मा अपने ही गांव के दीपक पासवान को 6 हजार रुपये कर्ज दिया था। अपने रुपये मांगने 21 फरवरी को हरिशंकर शर्मा दीपक पासवान के पास गया था। इस दौरान दोनों के बीच विवाद हो गया। दीपक पासवान ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिल कर हरिशंकर शर्मा पर लाठी-डंडा और रॉड से प्रहार कर दिया। हरिशंकर शर्मा के सिर में रॉड लग जाने से वह बुरी तरह घायल हो गया। इस मारपीट की सूचना पर हरिशंकर का भाई सत्यनारायण व उसकी पुत्री लक्ष्मी भी मौके पर पहुंची लेकिन आरोपियों उन दोनों की पिटाई कर दी। स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव कर घायलों को सदर अस्पताल ले गए जहां हरिशंकर की स्थिति नाजुक देखते हुए चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया। परिजनों ने घायल हरिशंकर शर्मा को बेहतर इलाज के लिए सिलीगुड़ी में निजी अस्पताल लेकर गए जहां उनकी मौत रविवार को इलाज के दौरान हो गया। इस घटना को लेकर मृतक हरिशंकर शर्मा का भाई के बयान पर टाउन थाना में 21 फरवरी को विकास पासवान, विजय पासवान, दीपक पासवान एवं रोहित पासवान के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में कांड संख्या 95/19 दर्ज किया गया है।
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दोनों पक्षों के द्वारा कराया गया है प्राथमिकी -
मारपीट के इस मामले में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के विरूद्ध टाउन थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया। मृतक हरिशंकर शर्मा का भाई सत्यनारायण शर्मा का कहना है की मामला दर्ज होने के एक माह से अधिक हो गया है, लेकिन अब तक पुलिस आरोपित को पकड़ने का प्रयास नहीं की और न ही अब तक पुलिस मामले की तफ्तीश करने घटना स्थल पर पहुंची। पुलिस के इस रवैये से क्षुब्ध हो कर आखिरकार परिजनों को सड़क पर उतरना पड़ा, तब जाकर पुलिस हरकत में आई।