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नाबालिग से दुष्कर्म मामले के आरोपित को 10 साल की सजा

किशनगंज। नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को दोषी पाकर एडीजे कृष्ण प्रताप ¨

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Feb 2019 09:36 PM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 09:36 PM (IST)
नाबालिग से दुष्कर्म मामले के आरोपित को 10 साल की सजा
नाबालिग से दुष्कर्म मामले के आरोपित को 10 साल की सजा

किशनगंज। नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को दोषी पाकर एडीजे कृष्ण प्रताप ¨सह ने मंगलवार को दस साल का सश्रम कारावास व 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा दी। जियापोखर थाना क्षेत्र की पीड़िता ने फरवरी 2014 को अपने रिश्तेदारों के शादी में गई थी, जहां मौका पाकर रात में अभियुक्त अबरार ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। अभियुक्त की ओर से मामले को दबाने को लेकर लगातार धमकी दिया जाता रहा, बावजूद पीड़िता की ओर से दिए गए आवेदन पर महिला थाना की पुलिस ने कांड संख्या 55/ 2014 दर्ज कर जांचोपरांत अभियुक्त के विरुद्ध न्यायालय में आरोपपत्र समर्पित की।

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अपर लोक अभियोजक सुरेन प्रसाद के द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों को सही पाकर एडीजे कृष्ण प्रताप ¨सह ने अभियुक्त अबरार को नाबालिग से दुष्कर्म से संबंधित पोस्को एक्ट की धारा 4 में दोषी पाकर 10 साल का सश्रम कारावास व 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा तथा भादवि की धारा 387 /120 बी के सात साल का सश्रम कारावास की सजा दी। जुर्माने की राशि पीड़िता को मिलेगी। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी तथा जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर अभियुक्त को एक साल अतिरिक्त जेल में रहना होगा।

न्यायाधीश ने अपने आदेश में लिखा है की अभियुक्त के द्वारा किए गए अपराध अक्षम्य है और इसका समाज में इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। ऐसी स्थिति में अभियुक्त को किसी भी तरह से राहत नहीं दिया जा सकता। अभियुक्त द्वारा किए गए कृत्य के परिणामस्वरुप पीड़िता को कारित शारीरिक क्षति, मानसिक आघात एवं अपहानि के लिए बालक के अनुतोष एवं पुनर्वास हेतु लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 33 (8) एवं नियम 07 के अंतर्गत प्रतिकार के रुप में डेढ़ लाख रुपया भुगतान करने का आदेश के साथ-साथ सीआरपीसी की धारा 357 (ए) के अंतर्गत मिलने वाले मुआवजे पीड़िता को यथाशीघ्र दिलाने का आदेश एडीजे कृष्ण प्रताप ¨सह ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार को दिया है। पीड़िता के अधिवक्ता नुरुस सोहेल ने न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए बताया कि अभियुक्त को सजा देने के साथ-साथ गरीब पीड़िता को आर्थिक सहायता दिलाना न्यायालय का सराहनीय कदम है।


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