पारंपरिक शैली में शुरू हुआ आदिवासी समुदाय के लोगों का सोहराय पर्व
किशनगंज : प्रकृति,प्रेम,कृषि उपज, पूर्वजों और व भाई- बहन की सम्मिलित खुशी देने वाला आदिवास
किशनगंज : प्रकृति,प्रेम,कृषि उपज, पूर्वजों और व भाई- बहन की सम्मिलित खुशी देने वाला आदिवासी समुदाय का महत्वपूर्ण पर्व सोहराय बुधवार को शुरू हो गया। या गया। मकर संक्रांति तक चलने वाले इस पर्व के पहले दिन ठाकुरगंज प्रखंड से दूर-दूर से आये आदिवासी समुदाय के महिलाओं व पुरुषों ने प्रखंड अंतर्गत बेसरबाटी ग्राम पंचायत के चुरलीहाट में अवस्थित माँझीथान में अपने पूर्वजों को नमन करते हुए पूजा अर्चना किए। इस मौके पर मांझी परगना ऐमेन बैयसी के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम के संयोजक सह संगठन प्रभारी मुकेश हेम्ब्रम ने बताया कि छह दिनों तक चलने वाले इस पर्व के पहले दिन उम गोड थान पूजा, दूसरे दिन अपने पूर्वजों का पूजन, तीसरे दिन खूंटवा में गौ पूजा, चौथे दिन अपने समाज में आपसी विवादों को सुलझाने हेतु बैठक का आयोजन, पांचवें दिन समुदाय की महिला व पुरूष मिलकर नदी या झील में मछली पकड़ना और छठे दिन मकर संक्रांति के दिन अपने परंपरागत हथियारों के साथ शिकार में निकलना व शिकार से लौट कर केला वृक्ष का पूजा करने के साथ पर्व का समापन होगा।
छह दिनों तक चलने वाले इस पर्व में प्रत्येक दिन अलग-अलग तरह के विधि- विधान अपनाएं जाते है। पर्व पर आदिवासी समाज के समस्त गांव में पारंपरिक नाच-गान होता है। सामाजिक संस्कार के साथ प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया जाता है। मांझी स्थान में मरांग बुरु(शंकर भगवान), मोरे कुटुरुइकु (पंच देवता), ¨सह चांदो ¨नदो चांदो(सूर्य व चन्द्रमा),पिलचू हराम पिलचू बूढ़ी(मनु व शतरूपा भगवान) और जाहेर ऐरा गोसाई ऐरा (पार्वती माता) की पूजा अर्चना की जाती है। वहीं इस मौके पर आदिवासी समुदाय की महिला व पुरुषों ने परंपरागत आदिवासी नृत्य व गायन कर प्रसतुत कर सोहराय पर्व का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सीओ उदय कृष्ण यादव, ऐमेन बैयसी के जिलाध्यक्ष अर्जुन हेम्ब्रम, जिला सचिव सुबोध टुडू, जिला प्रमुख गंगा बास्की, आदिवासी समाज के जनसंपर्क प्रभारी सकरात बासकी, मंच संचालक विजय मरांडी, पंसस लाल राय, मुन्ना टुडू, चुड़की हेम्ब्रम, सुपोल मुर्मू, वैलुन मुर्मू,बटई टुडू, पुजारी चतुर हासदा, संतोष हासदा, लखीराम सोरेन सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के महिला व पुरूष मौजूद थे।