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पौधों में रक्षा सूत्र बांधकर एसएसबी व वन विभाग कर्मियों ने लिया सुरक्षा का संकल्प

किशगनंज। रक्षा बंधन पर्व के शुभ अवसर पर सोमवार को भेड़ियाडांगी स्थित वन विभाग परिसर में एस

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 08:15 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 06:09 AM (IST)
पौधों में रक्षा सूत्र बांधकर एसएसबी व वन विभाग कर्मियों ने लिया सुरक्षा का संकल्प
पौधों में रक्षा सूत्र बांधकर एसएसबी व वन विभाग कर्मियों ने लिया सुरक्षा का संकल्प

किशगनंज। रक्षा बंधन पर्व के शुभ अवसर पर सोमवार को भेड़ियाडांगी स्थित वन विभाग परिसर में एसएसबी 12 वीं बटालियन और वन विभाग द्वारा संयुक्त रुप से वृक्ष सुरक्षा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में एसएसबी कमांडेंट ललित आदित्य और वनों के क्षेत्र पदाधिकारी उमानाथ दुबे के नेतृत्व में एसएसबी जवान और वन विभाग के कर्मियों ने वृक्षों को रक्षा सूत्र बांध कर उनके सुरक्षा का संकल्प लिया। रेंजर उमानाथ दुबे ने वृक्ष सुरक्षा दिवस मनाने का मकसद पर्यावरण संतुलन को बनाए रखना है, ताकि वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा जरूरत से अधिक बनती रहे।

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उन्होंने कहा कि रक्षा बंधन के दिन वृक्ष सुरक्षा दिवस सूबे में 2011 से ही मनाया जाता रहा है। पर्यावरण की सुरक्षा और संतुलन बनाए रखने के लिए जितना जरूरी पौधारोपण करना है, उससे ज्यादा छोटे-बड़े पौधों की सुरक्षा है। वन विभाग इस दिशा में लगातार जागरुकता अभियान चला रहा है। लेकिन इंसान को स्वयं भी इसके लिए जागरुक होना पड़ेगा। रक्षा बंधन के दिन वृक्ष सुरक्षा दिवस मनाने का वजह यह है कि जिस तरह इस पर्व में भाई अपने बहन की सुरक्षा का संकल्प लेते हैं और जीवन भर उनकी रक्षा करते हैं। इसी प्रकार पर्यावरण की रक्षा के लिए वृक्षों को रक्षा सूत्र बांध कर इसकी सुरक्षा का संकल्प लिया गया। वहीं पर्यवरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेवारी निभाते हुए एसएसबी 12वीं बटालियन के कमांडेंट ललित आदित्य ने कहा कि वृक्ष सुरक्षा कार्यक्रम का आधार वृक्षों को सुरक्षित रखना है। जिससे कि धरती पर इंसानों का जीवन सुखमय व्यतीत हो सके। मानव के जीवन को सुखी, समृद्ध और संतुलित बनाए रखने के लिए वृक्षों हो होना बहुज जरूरी है। मानव सभ्यता का उदय और आरंभिक आश्रय भी वन ही रहे हैं। इस वजह से मानव को प्रारंभ से ही प्रकृति द्वारा जो कुछ भी प्राप्त होता आया है। उसे निरंतर प्राप्त करते रहने के लिए वृक्षों की सुरक्षा करना इंसान का प्रथम कर्तव्य बन गया है। इस दौरान एसएसबी और वन विभाग के सैकड़ों कर्मी मौजूद थे।


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