Move to Jagran APP

किशनगंज में मामला दर्ज कर मामले की हो निष्पक्ष जांच

किशनगंज। अपराधियों को पकड़ने गए थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार की हत्या हो जाती है

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 08:41 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 08:41 PM (IST)
किशनगंज में मामला दर्ज कर मामले की हो निष्पक्ष जांच
किशनगंज में मामला दर्ज कर मामले की हो निष्पक्ष जांच

किशनगंज। अपराधियों को पकड़ने गए थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार की हत्या हो जाती है और उनके साथ गए पुलिस पदाधिकारी व जवान बिल्कुल सुरक्षित रहते हैं। टीम में शामिल एकमात्र हमारा भाई शहीद हो गया, यह मामला समझ में नही आ रहा है। इसके लिए जरूरी है कि किशनगंज टाउन थाना में केस दर्ज कर इस मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।

loksabha election banner

शनिवार को दिवंगत इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार के भाई प्रवीण कुमार ने पुलिस लाइन परिसर में फफक फफक रोते हुए कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच का आश्वासन मिला है। जब कहीं भी सूबे में इस तरह की घटना होते है तो आश्वासन मिल जाता है, लेकिन कार्रवाई में कुछ विशेष नहीं होता है। मेरा भाई शहीद हुआ है, केवल आश्वासन देने से काम नहीं चलेगा। इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए। जिससे स्पष्ट पता चल सके कि पुलिस फोर्स साथ में रहने के बावजूद भी किस प्रकार उनकी हत्या हो गई। उनके साथ गए पुलिस पदाधिकारियों व जवानों के मोबाइल की भी जांच हो। स्वजनों ने कहा कि मामले की गंभीरता पूर्वक जांच कर दोषियों को सजा मिले।

=====

थानाध्यक्ष हत्याकांड की हो उच्चस्तरीय जांच : राजेश यादव संवाद सहयोगी, किशनगंज : सुशासन में आम लोगों की कौन कहे, थानाध्यक्ष भी सुरक्षित नहीं हैं।किशनगंज थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की शहादत बेकार नहीं जानी चाहिए। पूरे घटनाक्रम की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। यह मामला दो राज्यों से जुड़ा है।

जन अधिकार पार्टी युवा परिषद के प्रदेश महासचिव सह प्रवक्ता राजेश यादव ने बयान जारी कर उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है कि अश्विनी कुमार जब छापेमारी के लिए बंगाल जा रहे थे तो सुरक्षा के मद्देनजर तमाम एहतियात बरते गए थे। अगर नहीं तो इसके जिम्मेदार वरीय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। चर्चा है कि छापेमारी के लिए एक दूसरी टीम भी सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार के नेतृत्व में गई थी। ऐसे में अश्विनी को किसके भरोसे अकेले छोड़ दिया गया, इसकी जांच होनी चाहिए। निश्चित तौर पर अगर टीम के सभी सदस्य एकत्रित रहते तो ऐसी विभत्स घटना घटित नहीं होती। राजेश यादव ने मृतक के आश्रित को एक करोड़ रुपये नगद मुआबजा के साथ उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी और तीनों बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा राज्य सरकार से लेने की मांग की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.