दबे कुचले की आवाज थे जननायक कर्पूरी ठाकुर
किशनगंज। खगड़ा स्थित राजद कार्यालय में गुरूवार को पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की
किशनगंज। खगड़ा स्थित राजद कार्यालय में गुरूवार को पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाई गई। राजद जिला उपाध्यक्ष व वरिष्ठ नेताओं ने जननायक कर्पूरी ठाकुर के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान वरिष्ठ नेता उस्मान गनी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर ने सदियों से दबे-कुचले वर्गो में न केवल राजनीतिक और सामाजिक चेतना जगाई, बल्कि उन्हें ताकत भी दी। एक गरीब परिवार में जन्मे और संघर्षपूर्ण जीवन व्यतीत करते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी तक की उनकी राजनीतिक यात्रा अनुकरणीय है। घोर गरीबी में जीने वाले कर्पूरी ठाकुर का जीवन मुख्यमंत्री बनने के बाद भी सादगी भरा रहा। उन्हें जननायक की पदवी ऐसे ही नहीं मिली, इसके पीछे उनकी सोच व कार्यशैली निहित थी। उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर का जन्म समस्तीपुर के पितौंझिया में हुआ था। कर्पूरी ठाकुर मुख्यमंत्री बनने के बाद भी अपनी टूटी झोपड़ी में ही रहते थे। यही कारण है कि सभी राजनीतिक दल और हर वर्ग के बीच उन्हें शिद्दत से याद किया जाता है। उनका सादगी भरा जीवन, कमजोर तबकों के लिए ¨चता और उसूल पर आधारित राजनीतिक ईमानदारी के पथ पर चलने का प्रेरणा देती है। वहीं नगर अध्यक्ष शाजिद हुसैन उर्फ मिस्टर के कहा की कर्पूरी ठाकुर का स्वतंत्रता आंदोलन में भी उनका उल्लेखनीय योगदान था। इस दौरान मुख्य रूप से जिला उपाध्यक्ष देवेन्द यादव, युवा जिलाध्यक्ष शकील अहमद, मो. अली, भोला समेत अन्य कार्यकर्ता शामिल थे।