आश्रय स्थल बनकर तैयार, उदघाटन करेंगे नगर विकास मंत्री
किशनगंज। बस स्टैंड के समीप एनएच 31 किनारे 39 लाख की लागत से आश्रय स्थल का निर्माण कराया गया
किशनगंज। बस स्टैंड के समीप एनएच 31 किनारे 39 लाख की लागत से आश्रय स्थल का निर्माण कराया गया है। जिसका एक नवंबर को नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा उदघाटन करेंगे। एक दिवसीय दौरे पर गुरूवार को किशनगंज पहुंच रहे नगर विकास मंत्री आश्रय स्थल के उदघाटन के बाद वर्षों से जर्जर पड़े खगड़ा-माझिया रोड व खगड़ा में निर्माणाधीन सम्राट अशोक भवन का भी शिलान्यास करेंगे। एक करोड़ की अशोक सम्राट भवन का निर्माण होगा। इसके निर्माण से सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए शहर वासियों को सस्ते दर पर भवन मिल पाएगा।
मंत्री के कार्यक्रम के मद्देनजर सोमवार को नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी इरफान आलम नप कर्मियों के साथ आश्रय स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बताया कि दिव्यांग, गरीब व वृद्ध यात्रियों की सहूलियत के लिए बस पड़ाव के निकट भीमराव अंबेडकर टाउन हॉल परिसर में 39 लाख 11 हजार की लागत से दो मंजिला आश्रय स्थल भवन का निर्माण कराया गया है। जिसमें यात्रियों के लिए बिछावन, भोजन, बिजली, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था रहेगी। यह भवन नगर विकास विभाग के द्वारा बनाया गया है। इस दो मंजिला आश्रय स्थल में तीन हॉल, एक रसोईघर व तीन शौचालय का निर्माण कराया गया है।
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आश्रय स्थल में 50 लोगों के ठहरने के लिए 50 बेड की व्यवस्था होगी। ग्राउंड फ्लोर सहित दो दूसरे माले तक एक-एक हॉल, एक-एक शौचालय, एक रसोईघर बनाए गए हैं। यहां 24 घंटे बिजली पानी की भी सुविधा रहेगी। आश्रय स्थल का लाभ वैसे लोगों को मिलेगा जो आर्थिक रूप से अत्यंत कमजोर हैं। खासकर दिव्यांग, वृद्ध महिला और पुरुष भी इस सुविधा से लाभान्वित होंगे। किशनगंज जिले के अलावा दूसरे जिले के वैसे लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा जो आगे की यात्रा करने में उस दिन असमर्थ होंगे। यात्री अपनी पहचान पत्र उपलब्ध कराकर निश्शुल्क आश्रय स्थल में एक या ज्यादा से ज्यादा दो दिन तक वहां ठहर सकेंगे। इसकी निगरानी नगर परिषद करेगी। आश्रय स्थल का रख-रखाव समुचित ढंग से किया जाएगा। नियमानुसार रख-रखाव के लिए ही भोजन मद में कम से कम राशि का भुगतान लिया जाना है। कमरे में बिछावन, बिजली, पानी, कंबल की व्यवस्था निश्शुल्क रहेगी।
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कम शुल्क में भोजन की भी सुविधा होगी -
आश्रय स्थल में किचेन की भी व्यवस्था है। कम शुल्क में वहां ठहरने वाले लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि अभी भोजन दर निर्धारित नहीं किया गया है। यह आश्रय स्थल किसी का स्थायी बसेरा के रूप में काम नहीं करेगा बल्कि एक रात या ज्यादा से ज्यादा दूसरे दिन तक ही वे वहां ठहर सकेंगे ताकि अन्य गरीब वर्ग के यात्रियों को इसका समुचित लाभ मिल सके।