चैत नवरात्रि के पहले दिन मंदिरों में हुई मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना
किशनगंज। चैत नवरात्रि के पहले दिन शनिवार को मंदिरों में धूमधाम से पूजा अर्चना की गई। सुबह
किशनगंज। चैत नवरात्रि के पहले दिन शनिवार को मंदिरों में धूमधाम से पूजा अर्चना की गई। सुबह आठ बजे से ही मंदिरों में लोग पूजा अर्चना के लिए पहुंचने लगे। इस बार नवरात्रि छह अप्रैल से लेकर 14 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाएगी। पूजा अर्चना से पूर्व कलश स्थापित किए गए। सुबह 7.30 बजे से विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना शुरू हुई। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई।
पंडित दिवाकर मिश्रा ने बताया कि मां दुर्गा के पहले स्वरूप को शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। नवरात्रि पूजन में पहले दिन इनकी पूजा और उपासना की जाती है। इनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल होता है। साथ ही माता वृषभ पर विराजमान रहती हैं। इस बार चैती नवरात्रि में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6.19 बजे से लेकर सुबह 10.26 बजे तक रहा। नवरात्रि पूजा को विधि विधान पूर्वक करना बहुत जरूरी होता है। इसके लिए भक्तों ने मंदिर के निकट मां दुर्गा कर प्रतिमा स्थापित किए। शुभ मुहूर्त के अनुसार माता को चुनरी चढ़ा और भगवान गणेश का नाम लेकर माता की पूजा आरंभ किए। नवरात्रि ज्योति प्रज्जवलित किए। इससे घर और परिवार में शांति आने के साथ नकारात्मक उर्जा का नाश होता रहता है। फल और मिठाई का भोग लगाने के बाद माता की आरती में शामिल हुए। नवरात्रि पर शहरी क्षेत्र स्थित विष्णु राधा मंदिर परिसर, शीतला मंदिर परिसर, लोहारपट्टी मंदिर, उत्तरपाली दुर्गा मंदिर, पश्चिमपाली दुर्गा मंदिर सहित कई मंदिरों में पूजा अर्चना शुरू हुई।