सीमांचल के गांधी तस्लीमउद्दीन को दी गई श्रद्धांजलि
फोटो 18 केएसएन 68,69 - पुण्यतिथि पर आयोजित की गई श्रद्धांजलि सभा संवाद सहयोगी, किशनगंज : सीम
फोटो 18 केएसएन 68,69
- पुण्यतिथि पर आयोजित की गई श्रद्धांजलि सभा
संवाद सहयोगी, किशनगंज : सीमांचल के गांधी पूर्व केंद्रीय मंत्री तस्लीमउद्दीन की पुण्यतिथि पर खगड़ा स्थित राजद कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस कार्यक्रम में स्व. तस्लीमउद्दीन के दोनों पुत्र अररिया सांसद सरफराज आलम एवं जोकीहाट विधायक शहनवाज आलम सहित महागठबंधन दल के नेता भी शामिल हुए। पुण्यतिथि में शामिल होने आए सांसद, विधायक एवं सभी नेताओं ने उनके तैलचित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दिया। श्रद्धांजलि सभा का आयोजन अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सरवर आलम के द्वारा किया गया था। इस मौके पर अररिया सांसद सरफराज आलम ने कहा कि पिता स्व. तस्लीमउद्दीन ने पूरी ¨जदगी अपने बूते, अपनी मर्जी से राजनीति की। कभी सीमांचाल की राजनीति का पहिया इन्हीं की मर्जी से घूमता था। पार्टी कभी उनके लिए मायने नहीं रखती थी। राजनीति अपनी शर्त पर करने का उन्हें हुनर मालूम था। पार्टियों ने जब उन्हें टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय लड़ अपनी ही पार्टी की औकात बताने से भी पीछे नहीं हटे, कई बार निर्दलीय ही जीते। इनकी काबिलियत के कारण ही इन्हें मनमोहन सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी बनाया गया। मुस्लिम बहुल सीमांचाल के शोषित-पीड़ित आवाम की पीड़ा को वे बराबर सदन में रखते थे। उनके पीड़ा की आवाज बन कर हक दिलाते रहे। इसीलिए उन्हें सीमांचाल का गांधी भी कहा जाता है। वहीं पूर्व विधायक अख्तरुल इमान ने कहा कि स्व. तस्लीम उद्दीन सीमांचल के मसीहा थे। वे सीमांचल के लोगों के हक के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे है। सीमांचल के लोगों के हक की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने में इनकी अहम भूमिका रही है। यह दीगर बात है की सरकारों की नियत और नियति ने सीमांचल को पिछड़ेपन से उबरने नहीं दिया। इस दौरान पुण्यतिथि में राजद जिलाध्यक्ष सीमा इंतखाब, पूर्व नप अध्यक्ष त्रिलोकचंद जैन, लोजपा जिलाध्यक्ष कलीम उद्दीन, राजद के वरिष्ठ नेता उस्मान गनी, जिला उपाध्यक्ष देवेन यादव, समसुज जमा उर्फ पप्पू, जिला सचिव कमरुल होदा, नगर अध्यक्ष साजीद हुसैन उर्फ मास्टर, शाहिद रब्बानी, शाहिद मुखिया, युवा अध्यक्ष शकील अहमद, महबूब आलम, मो. अली, मो. सद्दाम एवं मो. मन्नवर एवं कांग्रेस के समसिर अहमद उर्फ दारा, नसीम अख्तर आदि नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।