Move to Jagran APP

वर्गकक्ष प्रबंधन पर उत्तर बिहार के शिक्षकों की लगी कक्षा

किशनगंज। वर्गकक्ष प्रबंधन पर सोमवार को सीबीएसई की ओर से उत्तर बिहार के विभिन्न स्कूलों के शिक्षक-शिक

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Dec 2017 02:59 AM (IST)Updated: Tue, 12 Dec 2017 02:59 AM (IST)
वर्गकक्ष प्रबंधन पर उत्तर बिहार के शिक्षकों की लगी कक्षा
वर्गकक्ष प्रबंधन पर उत्तर बिहार के शिक्षकों की लगी कक्षा

किशनगंज। वर्गकक्ष प्रबंधन पर सोमवार को सीबीएसई की ओर से उत्तर बिहार के विभिन्न स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं की कक्षा लगाई गई। इसमें वर्गकक्ष के बेहतर प्रबंधन से विद्यार्थियों की प्रतिभा को और बेहतर तरीके से तराशे जाने पर फोकस किया गया। यह बताया गया कि वर्गकक्ष प्रबंधन से कमजोर विद्यार्थी भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के करीब आ सकता है। पूरबपाली स्थित बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में वर्ग कक्ष प्रबंधन सेमिनार आयोजित किया गया।

loksabha election banner

इस सेमिनार में सीबीएसई पटना से चयनित रिसोर्स पर्सन सह डीएवी प्राचार्य नीरज कुमार ¨सह ने कहा कि

विद्यार्थियों को वर्ग कक्ष के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हमेशा मिल सके। इसके लिए जरूरी है कि वर्ग कक्ष प्रबंधन के लिए हर संभव जरूरी उपाय किए जाएं। एक सक्रिय कक्ष प्रबंधन का निर्माण निश्चित रूप से श्रमसाध्य होता है, लेकिन उसका प्रबंधन तो और भी कठिन होता है। हालांकि एक बार एक शिक्षक-शिक्षिकाओं की दिनचर्या का हिस्सा बन जाए। इसके बाद स्वयं एक खुशमिजाज शिक्षक-शिक्षिका बनने के साथ वर्ग कक्ष प्रबंधन के प्रति अपनी जिम्मेवारी निभाना भी सीख जाते हैं।

उन्होंने कहा कि इस सेमिनार में वर्ग कक्ष प्रबंधन के गुण को प्रगाढ़ बनाने के लिए उत्तर बिहार के अनेक सीबीएसई विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाएं आई है। शिक्षकों के पास अध्यापन संबंधी अनेक प्रकार की गतिविधियां उपलब्ध होनी चाहिए। अगर उन गतिविधियों का उपयोग वर्ग कक्ष में करें तो निश्चित है कि विद्यार्थियों को पढ़ाना आसान हो जाएगा। सभी विद्यार्थियों को आपके समय व ध्यान की जरूरत पड़ती है। कुछ बच्चों को अंक के संबंध में तो कुछ बच्चों को भाषा को लेकर आपकी विशेष जरूरत पड़ती है। वर्ग कक्ष में पढ़ाना तो सरल है। शिक्षक द्वारा जो अध्यापन कार्य वर्ग कक्ष में किया जाता है, इसका फायदा शत प्रतिशत विद्यार्थी उठा सके। इसके लिए जरूरी है कि वर्ग कक्ष में बैठने वाले विद्यार्थी अनुशासित रहें। तभी एक शिक्षक का अध्यापन विद्यार्थियों के लिए लाभदायक बन सकता है।

रिसोर्स पर्सन नीरज कुमार ¨सह ने कहा कि उचित वर्ग कक्ष प्रबंधन के लिए कई बातों पर विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है। इनमें मुख्य रूप से वर्ग कक्ष की डिजाइन,ब्लैकबोर्ड के ईद-गिर्द का इलाका और पुस्तकालय का फैलाव मुख्य रूप से शामिल है। वर्ग कक्ष में विद्यार्थी आपस में लड़ाई नही करें। बल्कि शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए पाठ को ध्यान से सुनें और समझने का प्रयास करें। ऐसा तभी हो सकता है। जब शिक्षक और विद्यार्थी एक-दूसरे के मन की बात समझेंगे। इस दौरान मुख्य रूप से बाल मंदिर स्कूल के सचिव नवल किशोर अग्रवाल, प्राचार्य चचंल गिरि, उप प्राचार्य प्रितोष पांडेय, को-आर्डिनेटरअरूण कुमार गुप्ता और आशीष दास सहित बड़ी संख्या में पूर्णिया,किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, मधुबनी, सहरसा समेत विभिन्न जिलों के शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.