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विनोवा भावे के पद चिन्हों पर चलने का संकल्प

किशनगंज। भूमिहीन गरीब लोगों को अपना जमीन व घर हो। इसके लिए विनोबा भावे ने अपना संपूर्ण जीवन

By Edited By: Published: Sun, 11 Sep 2016 07:29 PM (IST)Updated: Sun, 11 Sep 2016 07:29 PM (IST)
विनोवा भावे के पद चिन्हों पर चलने का संकल्प

किशनगंज। भूमिहीन गरीब लोगों को अपना जमीन व घर हो। इसके लिए विनोबा भावे ने अपना संपूर्ण जीवन इसी कार्य में लगा दिए। इसी का परिणाम है कि आज गरीब भूमिहीन लोगों को भूदान की जमीन मुफ्त में दी जा रही है। यह बातें रविवार को भूदान यज्ञ कमेटी के कार्यालय मंत्री वजीर खान ने विनोबा भावे की 122वीं जयंती के अवसर पर उनके तैल्य चित्र पर माल्यार्पण करने के उपरांत कही। उन्होंने कहा कि 11 सितंबर 1895 को महाराष्ट्र के कोलाबा जिला स्थित गागोडा ग्राम में इनका जन्म हुआ। वर्ष 1916 में इंटरमीडिएट की परीक्षा देने के बाद इनकी भेंट महात्मा गांधी से हुई। स्वतंत्रता के बाद विनोबा भावे लगातार 13 वर्षों तक देश के विभिन्न राज्यों का पैदल भ्रमण किया। इस भ्रमण के क्रम में जमींदारों ने इन्हें 44 लाख एकड़ जमीन दान स्वरुप दी। इसके उपरांत बिहार में जमींदारों द्वारा उन्हें 21,17,008 एकड़ दान स्वरुप मिली। इनमें से 13 लाख एकड़ जमीन बिहार बंटवारे के बाद झारखंड चली गई। इस समय बिहार में केवल आठ लाख एकड़ भूदानी जमीन है।

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श्री खान के नेतृत्व में भूदान यज्ञ कमेटी के सदस्यों ने आचार्य विनोवा भावे के पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया। साथ ही मौजा ढेकसरा में भूदान की जमीन पर 900 भूमिहीन परिवारों को बसाने की योजना है। जिसका नाम विनोबा नगर रखा जाएगा। इस दौरान मुख्य रुप से अताउर रहमान, मो. इशहाक, मो. शमीम और राकेश कुमार सहित कई लोग मौजूद थे।


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