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    Bihar Election 2025: अररिया जिले में ध्रुवीकरण के बीच सेंधमारी ने बिगाड़ा समीकरण, 6 सीटों में किसे मिला आशीर्वाद?

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 03:55 PM (IST)

    Bihar Election 2025 में अररिया जिले का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। ध्रुवीकरण और सेंधमारी के कारण समीकरण बिगड़ रहे हैं, जिससे छह विधानसभा सीटों पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। मतदाताओं का आशीर्वाद किसे मिलेगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। राजनीतिक दलों के बीच समीकरण बदल रहे हैं, और सेंधमारी से उम्मीदवारों की संभावनाओं पर असर पड़ रहा है।

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    अमि्तेष, अररिया। Bihar Assembly Election 2025 सीमांचल के गांधी कहे जाने वाले तस्लीमउद्दीन का गढ़ अररिया में वोटों का ध्रुवीकरण जमकर हुआ। खासकर जोकीहाट विधानसभा सीट पर ही इनके दोनों बेटे सरफराज आलम और शहनवाज आलम की जंग ने चुनाव को और रोचक बना दिया। राजद के टिकट पर मैदान में डटे शहनवाज आलम और जनसुराज के टिकट पर चुनाव लड़ रहे सरफराज आलम के बीच की टक्कर मतदान होने तक पूरे जिले में चर्चा में रही।

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    जिले में बंपर वोटिंग के बीच जिले की छह विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में ध्रुवीकरण के बीच सेंधमारी भी खूब हुई। खासकर महागठबंधन के कोर वोटर में बिखराव और राजग के कैडर वोटरों की गोलबंदी दिखी।

    जोकीहाट में वोट डालकर निकले मो. शादाब ने बताया कि हमें स्थानीय स्तर पर परिवर्तन चाहिए। वहीं, मो. सरफराज ने बताया कि विकास के बीच नया बिहार बनाने की बात होनी चाहिए। हालांकि महिलाओं ने कहा कि सरकार का कामकाज बेहतर है।

    रानीगंज के संजीत कुमार व राघव सरदार ने विकास के मुद्दे पर वोट देने की बात कही। इसी तरह अररिया में फ्लाईओवर के नीचे मतदान की चर्चा कर रहे मो. रागीब, सलमान और महेश की राय भले ही अलग-अलग थी, मगर वोट राहुल व तेजस्वी के नाम पर ही देने की बात की।

    जिले की छह में से पांच सीट पर महागठबंधन में सीधा मुकाबला है। सिकटी में भाजपा के विजय मंडल और वीआइपी के हरिनारायण प्रमाणिक के बीच सीधा मुकाबला है। यहां जन सुराज के रागीब बबलू महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब रहे।

    अररिया में अंतिम समय में बदला खेल

    अररिया सीट पर कांग्रेस के आबेदुर रहमान और जदयू की शगुफ्ता अजीम के बीच कांटे का मुकाबला दिखा। यहां महागठबंधन के कोर वोटर इंटैक्ट रहे। रानीगंज में जदयू के अचमित ऋषिदेव और राजद के अविनाश मंगलम के बीच सीधा मुकाबला की स्थिति अंत तक बनी रही।

    यहां अंतिम समय में राजग के कैडर वोटों की गोलबंदी हुई। साथ ही महिला मतदाताओं का राजग के प्रति रुझान साफ दिखा। फारबिसगंज सीट पर भाजपा के विद्यासागर केसरी और कांग्रेस के मनोज विश्वास के बीच सीधा मुकाबला है। एक तरफ की साइलेंट वोटिंग और दूसरे तरफ के कोर वोटर में एआइएमआइएम के मंजूर आलम की सेंधमारी से मुकाबला दिलचस्प बनता दिखा।

    नरपतगंज में बिखर गया महागठबंधन का वोट बैंक

    इसी तरह नरपतगंज में भाजपा की देवयंती यादव और राजद के मनीष यादव के बीच राजद के ही बागी अनिल यादव ने मुकाबले को रोमांचक जरूर बनाया, लेकिन अंत में महागठबंधन के वोटों में बिखराव से राजग खेमे में हलचल बनी रही। सबसे रोचक मुकाबला जोकीहाट विधानसभा सीट पर है।

    जोकीहाट में बड़े भाई का पलडा भारी 

    जोकीहाट में तस्लीमउद्दीन के दोनों बेटों के बीच विरासत की जंग है तो एआइएमआइए और जदयू की दावेदारी ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। स्थानीय मो. मुजाहिद बताते हैं कि 2020 के चुनाव में भी दोनों भाइयों के बीच ही जंग हुआ था।

    बाजी छोटे भाई शहनवाज आलम के हाथ लगी थी, लेकिन इस बार बड़े भाई सरफराज आलम का पलड़ा भारी है। भले ही वह जन सुराज पार्टी से ही हैं, लेकिन माहौल उनके ही पक्ष में है।

    वहीं मो. सरफराज ने बताया कि इस बार टक्कर जन सुराज के सरफराज आलम और जदयू के मंजर आलम के बीच ही है। हालांकि कुछ लोगों ने ओवैसी फैक्टर को भी प्रभावी बताया।