अर्राबाड़ी लूटकांड में पुलिस को मिली सफलता, चार गिरफ्तार
किशनगंज। अर्राबारी ओपी क्षेत्र में गत 20 जनवरी को दो लाख रुपये की लूट मामले का पुलिस ने पर्दाफ
किशनगंज। अर्राबारी ओपी क्षेत्र में गत 20 जनवरी को दो लाख रुपये की लूट मामले का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने घटना में शामिल चार बदमाशों को गिरफ्तार कर सीएसपी संचालक पति से लूटे गए रुपये में से 1.45 लाख सहित घटना में प्रयुक्त एक अपाचे बाइक बरामद की।
रविवार को एसपी ने बताया कि किशनगंज की यह पहली घटना है जिसमें अपराधियों को पहले गिरफ्तार किया गया है और केस बाद में दर्ज किया गया। एसपी ने बताया कि गत 20 जनवरी को घटित घटना की जानकारी मिलते ही एसडीपीओ अनवर जावेद के नेतृत्व में एक टीम गठित किया गया। पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान कर राहुल पहान, दिलशाद, आरिफ व नूरुद्दीन के पास से लूट की राशि, लाल रंग की अपाचे बाइक और दो मोबाइल फोन बरामद की। दिलशाद गिरोह का सरगना है और उसका पूर्व से ही आपराधिक इतिहास रहा है और बंगाल में आर्म्स एक्ट सहित लूट के कई मामलों में वह संलिप्त रहा है।
सभी आरोपितों के विरुद्ध स्पीडी ट्रायल चला कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। हाल के दिनों में जिले में क्राइम का ग्राफ बढ़ा है। एसडीपीओ अनवर जावेद अंसारी के नेतृत्व में पुलिस लगातार मामलों का पर्दाफाश कर रही है और आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। लूट मामले के उदभेदन में शामिल एसडीपीओ सहित पहड़कट्टा थानाध्यक्ष अजित कुमार, एसआइ इंद्रमणि महतो, तकनीकी शाखा के कर्मी सुमित कुमार, प्रमोद कुमार सहित पुलिस कर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा। लूट के बाद केस दर्ज कराने से घबरा रहे थे पीड़ित घटना के संबंध में एसपी ने बताया कि दामलबाड़ी निवासी राजीव कुमार दास अपनी सीएसपी संचालिका पत्नी मम्पी दास के बैंक आफ बड़ोदा शाखा से दो लाख रुपये निकाल कर बाइक से वापस दामलबाड़ी लौट रहे थे। खड़खड़ी घाट के पास बीआर 37 एस 1172 नंबर की अपाचे बाइक सवार चार बदमाशों ने पिस्टल का भय दिखाकर उससे दो लाख रुपये लूटकर फरार हो गया। घटना के बाद पीड़ित और उसका परिवार बुरी तरह से भयभीत हो गया। भयभीत पीड़ित ने घटना की शिकायत भी दर्ज नहीं कराई। उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि लूटी गई रकम को पुलिस बरामद नहीं कर सकेगी। पुलिस ने मामले को चुनौती के रूप में स्वीकार किया और वैज्ञानिक अनुसंधान कर आरोपितों की पहचान की गई। सभी आरोपित घटना के बाद बंगाल में छिप गया था। पुलिस घात लगाकर आरोपितों के घर वापस लौटने का इंतजार करने लगी। आरोपितों के घर वापस लौटते ही उसे लूट की रकम के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। घटना के बाद पीड़ित राजीव के लिखित शिकायत पर पहड़कट्टा थाना में केस दर्ज की गई।