चीन से डोकलाम विवाद का भारत-नेपाल व भूटान सीमा पर असर, बढ़ाई चौकसी
चीन के साथ हुए डोकलाम विवाद के बाद भारत के गृह मंत्रालय ने नेपाल के साथ-साथ भूटान की सीमा पर भी चौकसी बढ़ाने का निर्देश दे दिया है।
किशनगंज [अमितेष]। चीन के साथ डोकलाम विवाद के बाद सुरक्षा के दृष्टिकोण से नेपाल के साथ भूटान की सीमा भी संवेदनशील हो गई है। गृह मंत्रालय ने अब भूटान की सीमा पर चौकसी बढ़ाने के भी निर्देश दिए हैं।
एसएसबी की ओर से अब नेपाल और भूटान सीमा पर पांच-पांच नए बीओपी बनाए जाएंगे। सभी क्षतिग्रस्त पीलरों के पुनर्निर्माण के लिए एसएसबी की सिलीगुड़ी फ्रंटियर ने तैयारी प्रारंभ कर दी है। इसी के साथ एसएसबी ने नेपाल सीमा पर अतिरिक्त बटालियन की तैनाती की योजना को अमलीजामा पहनाना भी शुरू कर दिया है।
भूटान से लगी हुई है 699 किलोमीटर लंबी सीमा
भारत की नेपाल से सटी हुई 1751 किलोमीटर लंबी सीमा और भूटान से लगी हुई 699 किलोमीटर लंबी सीमा है। एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर के अधीन आने वाली 315 किलोमीटर लंबी नेपाल सीमा और 183 किलोमीटर लंबी भूटान सीमा पर पांच-पांच यानी दस नये बीओपी का निर्माण हो रहा।
नेपाल सीमा पर पूर्व से एसएसबी की पांच बटालियन और भूटान सीमा पर चार बटालियन तैनात हैं। एक बटालियन को रिजर्व में रखा गया है। अब नेपाल सीमा पर 72वीं बटालियन की अतिरिक्त तैनाती की जा रही है। कुल मिलाकर सिलीगुड़ी फ्रंटियर के अधीन आने वाली किशनगंज समेत कुल 315 किलोमीटर लंबी नेपाल सीमा पर छह बटालियन मुस्तैद रहेंगी।
विवादित जगहों पर हो रहा सीमांकन
एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर के सूत्रों के अनुसार 1751 किमी लंबी नेपाल सीमा की वैसी सभी जगहों पर सीमांकन कराया जा रहा है, जहां विवाद है। इसे सर्वे ऑफ इंडिया और सर्वे ऑफ नेपाल द्वारा इंडो-नेपाल बॉर्डर पर संयुक्त रूप से अंजाम दिया जा रहा है।
कहा-एसएसबी डीआइजी ने
'इंडो-नेपाल और इंडो-भूटान बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी गई है। नेपाल बॉर्डर पर एक अतिरिक्त 72वीं बटालियन की तैनाती की जाएगी। भूटान और नेपाल बॉर्डर पर पांच-पांच नए बीओपी भी बनाए जाएंगे। सभी क्षतिग्रस्त पीलरों का फिर से पुनर्निर्माण कराया जा रहा है।
- अमिय कुमार नाथ, डीआइजी, एसएसबी, सिलीगुड़ी फ्रंटियर