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आंखों के सामने खाक हो गई पूरी जिंदगी की कमाई, चारो ओर मच गई चीख पुकार

बिहार के किशनगंज जिले में अगलगी के कारण करीब 60 से 70 घर उजड़ गए। लाखों की संपत्ति खाक हो गई। ग्रामीणों ने पंपसेट चलाकर आग पर काबू पाया।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Tue, 06 Mar 2018 06:21 PM (IST)Updated: Wed, 07 Mar 2018 08:00 PM (IST)
आंखों के सामने खाक हो गई पूरी जिंदगी की कमाई, चारो ओर मच गई चीख पुकार
आंखों के सामने खाक हो गई पूरी जिंदगी की कमाई, चारो ओर मच गई चीख पुकार
किशनगंज [जेएनएन]। अचानक एक चिंगारी निकली और देखते ही देखते आग की उंची लपटें निकलने लगी। जब तक लोग कुछ समझ पाते, आग ने लगभग पूरी बस्‍ती को अपनी चपेट में ले लिया। करीब 60 से 70 घर जलकर खाक हो गए।
इसी के साथ राख में तब्‍दील हो गई कुछ माताओं की वो अरमान, जिसे वे अपनी बेटी की शादी के लिए सहेज कर रखी हुई थी। उस पिता के कलेजे बैठ गए, जिसने अपनी खून पसीने की कमाई जमा की थी और बाहर रहकर पढ़ाई कर बेटे को भेजने वाला था। लाठी लिये बुजुर्ग अपनी पथरायी आंखों से अपनी पूरी जीवन की कमाई को खाक होते देख रहा था। यह घटना है बिहार के किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड बालूबाड़ी गांव की।
जिले के पोठिया प्रखंड के रायपुर पंचायत के बालूबाड़ी गांव में मंगलवार को भीषण अगलगी की घटना घटी। भीषण अलगली की घटना में दर्जनों घर जल कर राख हो गया। लगभग सवा सौ घर वाली आबादी के बीच मंगलवार दोपहर उठी आग की लपटें देखते ही देखते आधे से अधिक घरों को लील गईं।
सांय-सांय बह रही पछुआ हवा के साथ आग की तेज लपटें के बीच किसी तरह लोगों की जान बच सकी। मगर पल भर में आग ने ऐसा विकराल रूप दिखाया कि चार दर्जन से अधिक परिवारों के आशियाना समेत घर में रखे नकदी, अनाज, चौंकी-कुर्सी, चूल्हा-चौका, बर्तन, कपड़े सबके सब खाक हो गए।
कड़कती धूप के बीच आग के विकराल रूप को देख मची अफरा तफरी के बीच ग्रामीणों ने बालू, पानी से आग पर काबू पाने की जद्दोजहद करते रहे। इस बीच सूझबूझ से काम लेते हुए ग्रामीणों ने पंपसेट के सहारे लगभग घंटे भर की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
हालांकि घटना की सूचना पर अग्निशमन दस्ता भी मौके पर पहुंची लेकिन रास्ता नहीं होने के कारण घटना स्थल से लगभग 500 मीटर दूर ही खड़ी रही। ग्रामीणों की सूचना पर बीडीओ संदीप पांडे व छतरगाछ थाने की पुलिस बल भी मौके पर पहुंची लेकिन तब तक सबकुछ समाप्त हो चुका था।
इस अग्निकांड में सबकुछ गंवा चुके लुकमान आलम, अलीमुद्दीन, हसीबुर्रहमान, अफसार आलम, निजामुद्दीन, मरगुब आलम, अख्तर आलम, मो. इरशाद, दिदार हुसैन, जमा बख्स, मोजिबुर रहमान, मु. रहमतुन निशा, मो. इशहाक, सलीमुद्दीन समेत दर्जनों लोगों का कहना था कि अब हमारा क्या होगा। वे लोग बता रहे थे कि जीवन भर की जमा पूंजी आग की भेंट चढ़ गया, अब तो खाने-पहनने को भी कुछ नहीं है।
पीड़ितों का कहना था कि आग कैसे लगी इसकी कोई जानकारी नहीं है लेकिन लगभग 60-70 परिवारों का आवासीय मकान, रसोई घर, मवेशी घर, बर्तन, वस्त्र, आभूषण सहित लाखों रुपये नकदी भी जल कर राख हो गया। सीओ वीरेंद्र सिंह, बीडीओ संदीप पांडे, राजस्व कर्मचारी अरूण कुमार पीड़ितों को हरसंभव मदद का भरोसा दे रहे थे लेकिन जिलास्तरीय पदाधिकारी के नहीं पहुंचने से ग्रामीणों में आक्रोश था।अगलगी में जलकर राख हुए घरों को देखते पीड़ित।
सड़क के अभाव में रुकी अग्निशमन वाहन
अगलगी में हुए नुकसान का सही आकलन अभी नहीं हो पाया है। अग्निपीड़ितों की सूची तैयार की जा रही है। तत्काल प्रत्येक पीड़ित परिवार के बीच प्लास्टिक व चूरा का वितरण किया जा रहा है, 24 घंटे के अंदर अग्निपीड़ितों को मुआवजा के रूप में 98 सौ रुपये का चेक दिया जाएगा।
वीरेंद्र सिंह, अंचलाधिकारी पोठिया।

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