योग शिविर में सिखाए गए निरोग रहने की कला
खगड़िया। बागमती नदी के किनारे अमनी गांव कभी नक्सलियों की राजधानी कही जाती थी। लेकिन, आज यह गांव अमन का संदेश दे रही है। यहां पतंजलि योग समिति की ओर से पांच दिवसीय योग शिविर का समापन मंगलवार को हुआ। इस शिविर में प्रतिदिन सौ से डेढ़ सौ लोगों ने शिरकत की। जिसमें सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हुए। सबसे बड़ी बात यह है कि शिविर में महिलाओं की भी उपस्थिति अच्छी रही। शिविर पूर्व मुखिया प्रमोद कुमार ¨सह की देखरेख में आयोजित किया गया। समापन के बाद 11 सदस्यीय पतंजलि योग समिति का गठन किया गया, जिसके प्रभारी प्रमोद कुमार ¨सह चुने गए।
खगड़िया। बागमती नदी के किनारे अमनी गांव कभी नक्सलियों की राजधानी कही जाती थी। लेकिन, आज यह गांव अमन का संदेश दे रही है। यहां पतंजलि योग समिति की ओर से पांच दिवसीय योग शिविर का समापन मंगलवार को हुआ। इस शिविर में प्रतिदिन सौ से डेढ़ सौ लोगों ने शिरकत की। जिसमें सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हुए। सबसे बड़ी बात यह है कि शिविर में महिलाओं की भी उपस्थिति अच्छी रही। शिविर पूर्व मुखिया प्रमोद कुमार ¨सह की देखरेख में आयोजित किया गया। समापन के बाद 11 सदस्यीय पतंजलि योग समिति का गठन किया गया, जिसके प्रभारी प्रमोद कुमार ¨सह चुने गए।
मालूम हो कि अमनी को नक्सलवाद से मुक्त करा मुख्यधारा में लाने का बड़ा श्रेय पूर्व मुखिया को है। अब प्रतिदिन गूंजेगा, जो करेगा योग, रहेगा निरोग
पांच दिवसीय योग शिविर की उपलब्धि यह रही कि गांव में दो ट्रेनर तैयार हुए। ये हैं राजेश मिश्र और राम खेलावन ¨सह। इन दोनों के नेतृत्व में अब अमनी में प्रतिदिन योग शिविर संचालित किया जाएगा और लोगों को निरोग रहने के गुर सिखाए जाएंगे। ग्रामीण सरिता देवी कहती है-आज अमनी में अमन कायम है। पांच दिवसीय योग शिविर के बाद हमलोग इसके महत्व से अवगत हुए। स्वस्थ्य और सुदीर्घ जीवन के लिए योग जरूरी है। मालूम हो कि योग शिविर के दौरान गांव में जागरूकता अभियान, साफ-सफाई अभियान और पौधरोपण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
कोट
'पांच दिवसीय योग शिविर से परिवर्तन आया है। शिविर में आए लोगों ने स्वस्थ्य जीवन का रहस्य जाना। योग जीने की कला है। अब अमनी में भी ट्रेनर तैयार हुए हैं। यहां प्रतिदिन शिविर लगेगा और योग सिखाया जाएगा।'
प्रमोद कुमार ¨सह, पूर्व मुखिया, ग्राम पंचायत राज अमनी।