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भगवान भरोसे होता नदी पार के विद्यालयों का संचालन

खगड़िया। अलौली प्रखंड में शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे संचालित है। विभाग गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का दावा करती है परंतु सुदूर अलौली प्रखंड क्षेत्र में इसकी धज्जियां उड़ रहीं हैं। कब विद्यालय खुलता है कब बंद होता है इसका पता किसी को नहीं है। नदी पार के इन विद्यालयों में अधिकारी भी यहां झांकने नहीं आते। ऐसे विद्यालयों में रामराज है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 05:35 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 05:35 PM (IST)
भगवान भरोसे होता नदी पार के विद्यालयों का संचालन
भगवान भरोसे होता नदी पार के विद्यालयों का संचालन

खगड़िया। अलौली प्रखंड में शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे संचालित है। विभाग गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का दावा करती है, परंतु सुदूर अलौली प्रखंड क्षेत्र में इसकी धज्जियां उड़ रहीं हैं। कब विद्यालय खुलता है कब बंद होता है इसका पता किसी को नहीं है। नदी पार के इन विद्यालयों में अधिकारी भी यहां झांकने नहीं आते। ऐसे विद्यालयों में रामराज है।

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नदी के पार है चेराखेरा पंचायत। पंचायत के प्राथमिक विद्यालय उत्तरी बोहरबा का हाल बेहाल है। कोई देखने वाला नहीं है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यहां कभी भी अधिकारी नहीं आते हैं। नियम कानून को ताक पर रखकर यहां विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। यहां पदस्थापित छह शिक्षकों में मात्र दो-तीन ही नियमित आते हैं। ग्रामीणों की माने तो शेष शिक्षक माह में कभी-कभार आकर उपस्थिति बनाते हैं। ग्रामीण बबलू कुमार, हीरो कुमार, मिथिलेश कुमार, विनेश कुमार, पांडव कुमार ने कहा कि पठन-पाठन की लचर व्यवस्था के कारण छात्र उपस्थिति कम है। प्रधानाध्यापक राजेश कुमार ने कहा कि उमेश कुमार प्रतिनियोजन पर हैं। शिक्षक राधा रमण कुमार एवं शोभा कुमारी अनुपस्थित हैं।


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