75 दिनों बाद कल खुलेगा मां कात्यायनी मंदिर का पट
जिले के चौथम प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत रोहियार पंचायत के बंगलिया में अवस्थित सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ मां कात्यायनी स्थान में 75 दिनों बाद आठ जून सोमवार को एक बार फिर से रौनक लौटेगी।
[चौथम, खगड़िया] चितरंजन सिंह
जिले के चौथम प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत रोहियार पंचायत के बंगलिया में अवस्थित सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ मां कात्यायनी स्थान में 75 दिनों बाद आठ जून सोमवार को एक बार फिर से रौनक लौटेगी।
बताते चलें कि 52 शक्तिपीठों में एक मां कात्यायनी स्थान भी है। कोरोना महामारी को लेकर बीते 24 मार्च के बाद से ही मंदिर में आम श्रद्धालुओं की पूजा-पाठ पर रोक लगी हुई है। अब सरकार के निर्देश पर 75 दिनों के बाद आठ जून सोमवार को माता का पट खुलेगा।
उक्त शक्तिपीठ में कोसी क्षेत्र समेत देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं। इधर न्यास समिति के कोषाध्यक्ष चंद्रेश्वरी राम ने बताया कि मंदिर के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि मंदिर का पट ढाई महीने तक लगातार पूजा-पाठ के लिए बंद रहा। उन्होंने बताया कि न्यास समिति की ओर से मंदिर की साफ सफाई आरंभ कर दी गई है।
मंदिर का इतिहास 1595 ई. में मुगल बादशाह अकबर की ओर से चौथम तहसील राजा मंगल सिंह के पूर्वज मुरार शाह को सौंपा गया था। राजा मंगल सिंह व दियारा के हजारों पशुओं (गाय व भैंस) के मालिक सिरपत जी महाराज के बीच गहरी मित्रता थी। सिरपत जी महाराज ने देखा कि पशु चरने के क्रम में एक निश्चित स्थान पर अपने दूध का स्त्राव करती है। खुदाई करने पर उक्त स्थल पर मां का हाथ मिला। सिरपत जी अपने मित्र राजा मंगल सिंह को उक्त जानकारी दी। दोनों के सहयोग से उक्त स्थल पर अस्थाई मंदिर का निर्माण किया गया। साथ ही पूजा-अर्चना आरंभ कर दी गई। तबसे लेकर आज तक माता की पूजा की जा रही है। बाद में रोहियार पंचायत के लोगों के सहयोग से मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया। पशुपालकों के लिए यह स्थल वरदान से कम नहीं है। शक्तिपीठ की मान्यता
ऐसी मान्यता है कि माता के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं लौटता है। माता हर किसी की मनोकामना पूरी करती है। खासकर पशुपालकों को मां का विशेष आशीर्वाद मिलता है। पशुपालक की ओर से माता को दूध चढ़ाया जाता है। इंसेट पुजारी व दुकानदारों की सुधरेगी आर्थिक स्थिति
मां कात्यायनी मंदिर में प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना को पहुंचते थे। खासकर वैरागन के दिन सोमवार व शुक्रवार को यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही है। लेकिन लॉकडाउन में मंदिर में पूजा-अर्चना बंद होने बाद पंडित-पुजारी समेत मंदिर परिसर में दुकान करने वाले दुकानदारों के सामने समस्या गहरा गई। पंडित भयंकर झा ने बताया कि मेरे परिवार का गुजर-बसर मां कात्यायनी स्थान में पूजा-पाठ करा कर होता है। मेरे सैकड़ों जजमान हैं। लेकिन मंदिर में पूजा-अर्चना बंद होने बाद आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई। अब
मंदिर का पट खुलने की सूचना मिली है। श्रद्धालुओं आएंगे, दान-दक्षिणा देंगे। अब मंदिर की रौनक भी लौटेगी। दुकानदार सागर रजक ने कहा कि, यहां प्रसाद का दुकान करते हैं। लेकिन ढाई माह से दुकानदारी बंद होने से भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। अब जिदगी की गाड़ी फिर पटरी पर लौटेगी। कुछ ऐसी ही बाद यहां दुकान लगाने वाले ब्रह्मदेव रजक, रामपुकार सिंह, राजकुमार सिंह, शंकर यादव आदि ने कही।
कोट सरकार के निर्देशानुसार सोमवार आठ जून को मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को हर हाल में मास्क व शारीरिक दूरी का पालन करना होगा। मंदिर परिसर में भीड़ लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
धर्मेंद्र कुमार, एसडीओ खगड़िया