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मानसी के मां बमकाली की महिमा है अपार

खगड़िया। जिले के मानसी बाजार स्थित मां बमकाली मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर की स्थापना सन् 1800 के आसपास हुई थी। अंग्रेज भी यहां श्रद्धा से सिर झुकाते थे। अंग्रेज चले गए और दिनोंदिन लोगों की श्रद्धा बढ़ती ही गई। संपूर्ण कोसी क्षेत्र से श्रद्धालु यहां आते हैं और मां के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करते हैं। दूसरे प्रदेश से भी दीपावली के अवसर पर श्रद्धालु आते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 07:22 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 07:22 PM (IST)
मानसी के मां बमकाली की महिमा है अपार
मानसी के मां बमकाली की महिमा है अपार

खगड़िया। जिले के मानसी बाजार स्थित मां बमकाली मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर की स्थापना सन् 1800 के आसपास हुई थी। अंग्रेज भी यहां श्रद्धा से सिर झुकाते थे। अंग्रेज चले गए और दिनोंदिन लोगों की श्रद्धा बढ़ती ही गई। संपूर्ण कोसी क्षेत्र से श्रद्धालु यहां आते हैं और मां के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करते हैं। दूसरे प्रदेश से भी दीपावली के अवसर पर श्रद्धालु आते हैं।

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प्रत्येक वर्ष दीपावली पर मां बमकाली की पूजा अर्चना धूमधाम से की जाती है। इस दिन मां बमकाली के दर्शन के लिए भक्तों का तांता मंदिर परिसर में लगा रहता है। लोग कहते हैं कि मां बमकाली की महिमा अपार है। मां के दर्शन मात्र से भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं। प्रत्येक वर्ष भक्तों की ओर से यहां सोना, चांदी आदि के जेवरात चढ़ाए जाते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार मां काली के भक्त कालीचरण नामक व्यक्ति ने1800 ई. के आसपास मां की ¨पडी यहां स्थापित की और पूजा-अर्चना आरंभ हुआ। सन 1958 ई. में सिकरिया बाबा ने उक्त स्थल पर एक मंदिर का निर्माण कराया।


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