Move to Jagran APP

तबादला बाद भी कार्यपालक पदाधिकारी ने रेवड़ी की तरह बांटे लाखों के चेक

खगड़िया। अपने तबादले के बाद भी नगर परिषद खगड़िया के कार्यपालक पदाधिकारी विनोद कुमार ने रेवड़ियों की तरह लाखों रुपये के चेक वितरित कर दिए। हैरत की बात तो यह है कि जिन कर्मियों को लाखों का भुगतान किया गया, उन्हीं कर्मियों से अनुशंसा करवा ली गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 06:44 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 06:44 PM (IST)
तबादला बाद भी कार्यपालक पदाधिकारी ने रेवड़ी की तरह बांटे लाखों के चेक
तबादला बाद भी कार्यपालक पदाधिकारी ने रेवड़ी की तरह बांटे लाखों के चेक

खगड़िया। अपने तबादले के बाद भी नगर परिषद खगड़िया के कार्यपालक पदाधिकारी विनोद कुमार ने रेवड़ियों की तरह लाखों रुपये के चेक वितरित कर दिए। हैरत की बात तो यह है कि जिन कर्मियों को लाखों का भुगतान किया गया, उन्हीं कर्मियों से अनुशंसा करवा ली गई। आरोप है कि तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी ने तबादला बाद जितने भी रुपये का भुगतान किया, एक भी भुगतान में सशक्त

loksabha election banner

स्थायी कमेटी की सहमति नहीं ली गई। जबकि प्रावधान के अनुसार किसी भी भुगतान के पहले कमेटी की सहमति अनिवार्य है। सूत्रों की माने तो आरंभिक जांच में ही सामने आया है कि चेकबुक जब समाप्त होने लगे, तो एक ही चेक से 16 एजेंसियों को लाखों रुपये भुगतान कर दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना संख्या 11361, दिनांक 24 अगस्त 2018 को कार्यपालक पदाधिकारी विनोद कुमार का सरकार द्वारा मधेपुरा तबादला कर दिया गया। तबादला बाद भी 27 अगस्त को उन्होंने विभिन्न एजेंसियों, कर्मियों को लाखों रुपये के चेक काट दिए। उसके बाद की तारीख को भी लाखों रुपये के चेक बिना सशक्त

स्थायी कमेटी की सहमति लिए काट दिए गए। मालूम हो कि उक्त कार्यपालक पदाधिकारी पर आनन- फानन में नियम-कानून को ताक पर रखकर सरकारी बैंक से दो करोड़ रुपये निकाल कर निजी बैंक में स्थानांतरित कर देने का भी आरोप पूर्व में लगा। इस मामले की जांच अभी लंबित ही है। कोट

' होने वाली बैठक में तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा बरती गई अनियमितता को भी एजेंडा में शामिल किया गया है। अनियमितता की सूचना उन्हें भी मिली है। वे जानकारी ले रहे हैं कि मामला क्या है?'

राजेश कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, खगड़िया। कोट

'मामले की मौखिक जांच के आदेश दिए गए हैं। आरंभिक जांच में तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा लाखों रुपये फर्जी निकासी का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में जो भी दोषी होंगे, बख्से नहीं जाएंगे। दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करा जेल भेजा जाएगा।'

सीता कुमारी, सभापति, नगर परिषद, खगड़िया।

=== ===


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.