निर्बाध आवागमन को ले अभी करना होगा और इंतजार
खगड़िया। शहरवासियों को आरओबी होकर कचहरी रोड की ओर आवागमन के लिए महीनों इंतजार करना पड़ सकता है। आरओबी होकर कचहरी रोड वाले हिस्से के टर्निंग प्वाइंट का निर्माण कार्य बाधित है। जबकि अबतक सर्विस रोड का निर्माण भी नहीं हो सका है। टर्निंग प्वाइंट एवं सर्विस रोड के निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाना बाकी है। जिसमें पांच दर्जन से अधिक मकानों को हटाना पड़ेगा। मिली जानकारी के अनुसार राशि रहने के बावजूद अधिग्रहित जमीन के भुगतान में दो वर्ष का समय लगेगा। भूमि अधिग्रहण के जद में आए परिवारों का कहना है कि यदि भू-अर्जन कार्यालय के द्वारा नोटिस भी प्राप्त हो जाएगा तो वे लोग अपने मकान को हटा लेंगे। जिससे आरओबी के टर्निंग प्वाइंट एवं सर्विस रोड के निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा।
खगड़िया। शहरवासियों को आरओबी होकर कचहरी रोड की ओर आवागमन के लिए महीनों इंतजार करना पड़ सकता है। आरओबी होकर कचहरी रोड वाले हिस्से के टर्निंग प्वाइंट का निर्माण कार्य बाधित है। जबकि अबतक सर्विस रोड का निर्माण भी नहीं हो सका है। टर्निंग प्वाइंट एवं सर्विस रोड के निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाना बाकी है। जिसमें पांच दर्जन से अधिक मकानों को हटाना पड़ेगा। मिली जानकारी के अनुसार राशि रहने के बावजूद अधिग्रहित जमीन के भुगतान में दो वर्ष का समय लगेगा। भूमि अधिग्रहण के जद में आए परिवारों का कहना है कि यदि भू-अर्जन कार्यालय के द्वारा नोटिस भी प्राप्त हो जाएगा तो वे लोग अपने मकान को हटा लेंगे। जिससे आरओबी के टर्निंग प्वाइंट एवं सर्विस रोड के निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा।
जानकारों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण की नोटिस रैयतों को मिलने में भी कई महीने का समय लगेगा। भू-अर्जन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार भू-अर्जन प्रक्रिया में कार्यालय में राशि की उपलब्धता होने पर आद्री को एसआई (सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन) राशि मिलने के बाद आद्री के प्रतिनिधि एसआई के लिए खगड़िया आएंगे। एसआई करने के बाद आद्री अपनी रिपार्ट भू-अर्जन कार्यालय में जमा करेंगे। आद्री को राशि भेजने से लेकर रिपोर्ट जमा करने तक में कम से कम एक पखवाड़ा लगेगा। आद्री की रिपोर्ट को
भू-अर्जन कार्यालय के द्वारा मंतव्य के लिए विशेषज्ञ समूह को भेजा जाएगा। विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट में भी कम से कम एक माह का समय लग सकता है। उसके बाद भू-अर्जन कार्यालय के द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। नोटिफिकेशन जारी होने में भी कम से कम एक माह का समय लग सकता है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद रैयतों से आपत्ति आमंत्रित की जाएगी। जिसमें दो माह का समय लगेगा। रैयतों की आपत्ति की सुनवाई में भी कम से कम छह माह का समय लग सकता है। आपत्ति निपटारा के बाद भूमि की अधिघोषणा पुन: धारा 21(1) के तहत संबंधित जमीन की दर का निर्धारण कर उसका पंचाट घोषित किया जाएगा। भू-अर्जन पदाधिकारी शहनबाज अहमद फरीदी ने कहा कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पेंचिदा होता है। परंतु रैयतों को शीघ्र ही राशि का भुगतान किया जाएगा।