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मजूदर की बेटी आज खगड़िया हॉकी की स्तंभ

खगड़िया। पल्लवी के पिता परदेस में मजदूरी करते हैं। मां गृहिणी है। मुश्किल से जीवन-गुजर बसर

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 12:30 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 12:30 AM (IST)
मजूदर की बेटी आज खगड़िया हॉकी की स्तंभ
मजूदर की बेटी आज खगड़िया हॉकी की स्तंभ

खगड़िया। पल्लवी के पिता परदेस में मजदूरी करते हैं। मां गृहिणी है। मुश्किल से जीवन-गुजर बसर हो रहा है। लेकिन पल्लवी ने हिम्मत नहीं हारी और आज खगड़िया हॉकी में एक नाम है। वह पढ़ाई में भी अव्वल है। आर्य कन्या प्लस टू विद्यालय में इंटर की छात्रा है। पल्लवी सेंट्रल फारवर्ड से खेलती है और जब हॉकी स्टिक थाम मैदान पर उतरती है, तो सामने वाले खिलाड़ी भौंचक रह जाते हैं। विपक्षी टीम को रणनीति बदलनी पड़ती है।

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खगड़िया नगर परिषद के वार्ड नंबर-पांच निवासी लालमोहन यादव और रीना यादव की पुत्री पल्लवी कुमारी खेल में अपनी मेहनत से एक मुकाम हासिल की है। जब हॉकी स्टिक थामी तो शुरुआत में थोड़े-बहुत ताने सुनने पड़े। लेकिन मां-पिता के सहयोग से आगे ही बढ़ती गई। कोच विकास कुमार कहते हैं कि खगड़िया हॉकी को पल्लवी पर नाज है। बहुत कम समय में उसने बेहतर प्रदर्शन किया है। पल्लवी अभी तक दो बार नेशनल प्रतियोगिता खेल चुकी है। कई बार स्टेट खेल चुकी है। पल्लवी का सपना है कि देश के लिए हॉकी खेलूं। वे कहती हैं कि आज बेटियां किसी से कम नहीं है। शिक्षा जगत हो अथवा खेल का संसार, हर जगह बेटियां परचम लहरा रही है। खगड़िया हॉकी का भविष्य उज्ज्वल है। कहती हैं कि अभी चुनाव है। जीतकर जो भी विधानसभा पहुंचे, वे खेल के विकास को अपने एजेंडे में शामिल करें।


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