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चावल-दाल की कौन कहे, यहां साउंड बाक्‍स से भी आवाज की जगह निकल रही शराब

बिहार में शराब तस्‍कर एक के बाद एक नये तरीके इजाद कर रहे हैं। तरीके भी ऐसे जिसे सुनकर कोई भी हैरान रह जाये। पुलिस ने खगडि़या से ऐसे ही दो तस्‍करों को गिरफ्तार किया है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 01:54 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2018 10:29 PM (IST)
चावल-दाल की कौन कहे, यहां साउंड बाक्‍स से भी आवाज की जगह निकल रही शराब
चावल-दाल की कौन कहे, यहां साउंड बाक्‍स से भी आवाज की जगह निकल रही शराब

खगडि़या [जेएनएन]। बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हुए दो साल से अधिक समय हो चुका है। इस बीच शराब की तस्‍करी थमने का नाम नहीं ले रही है। यह कम समय में ज्‍यादा मुनाफा कमाने वाला धंधा बन गया है। शराब तस्‍कर और पुलिस के बीच तू डाल-डाल, मैं पात-पात वाली स्थिति है। पुलिस एक तरीके का भंडाफोड़ करती है तो तस्‍कर दूसरा तरीका इजाद करते हैं। खगडि़या जिले में पुलिस तस्‍करों की तरकीब देखकर हैरान रह गई। यहां जब पुलिस ने साउंड बॉक्‍स को चेक किया तो उसमें से आवाज नहीं, बल्कि शराब की बोतलें निकली। यही नहीं, चावल और दाल भरे डिब्‍बे से भी शराब की बोतलें मिली।

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जानकारी के अनुसार, पुलिस अधीक्षक मीनू कुमारी के निर्देश पर जिले में शराब व शराब कारोबारियों के विरूद्ध चलाये जा रहे विशेष अभियान के बीच गुप्त सूचना के आधार पर जब मानसी थाना की पुलिस टीम के द्वारा एन.एच.31 स्थित मानसी बस स्टैंड पर छापेमारी की गई तो चावल व दाल के डब्बे सहित साउंड बॉक्स से भी विदेशी शराब बरामद की गई।

मानसी बस स्‍टैंड के पास पुलिस ने दो व्‍यक्ति को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया। उनके पास चावल और दाल से भरे डिब्‍बे के साथ-साथ साउंड बॉक्‍स था। पहले तो उन दोनों ने पुलिस को बरगलाने की कोशिश की, लेकिन जब सख्‍ती से छानबीन की गई तो सारी सच्‍चाई सामने आ गई। चावल-दाल की कौन कहे, साउंड बाक्‍स से भी आवाज की जगह शराब निकलने लगी।

गिरफ्तार दोनों व्‍यक्ति श्रवण मंडल और विकास कुमार शर्मा भागलपुर जिले के रंगरा गांव के रहने वाले हैं। उन दोनों के पास से 750 मिलीलीटर के 111 बोतल मिले।

 

मानसी के थानाध्यक्ष राघवेन्द्र कुमार सिंह ने बताया है कि शराब की बोतलों को चावल व दाल के डब्बे में छुपाकर रखा गया था। साथ ही सॉउंड बॉक्स के अंदर भी शराब की बोलतें कुछ इस तरह से छुपाया गया था कि पहली नजर में उस पर यकीन करना मुश्किल था।

बता दें कि शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए छह लाख से अधिक छापेमारी की गई। एक लाख से अधिक एफआअार दर्ज किए गए। 1.21 लाख से अधिक गिरफ्तारियां हुईं। राज्‍य में लगभग 25 लाख लीटर देशी-विदेशी शराब की रिकार्ड बरामदगी भी हुई। फिर भी तस्‍करी जारी है। तस्‍कर नये-नये तरीके इजाद कर रहे हैं। 

शराब तस्‍करों ने इजाद किये नये-नये तरीके

बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद तस्करों ने शराब तस्करी के नये-नये तरीके इजाद किये हैं। नवादा जिले में 8 जनवरी 2018 को एक ट्रक में नीचे शराब ऊपर आलू रखा मिला था। 2 फरवरी 2018 को पटना पुलिस ने एक बाइक पर दो लोगों को ट्रक की ट्यूब के साथ जाते देखा। शक के आधार पर उन्‍हें रोककर पूछताछ की गई। पता चला की ट्यूब में 50 लीटर महुआ निर्मित शराब भरा था।

गाड़ियों की बॉडी से लेकर गैस सिलेंडर और तेल की टंकियों तक में शराब तस्‍करी की जा रही है। मसाले और आलू के बीच शराब रखकर तस्करी की जा रही है। इतना ही नहीं, कई बार तेल के कंटेनर में भी शराब पैक कर बिहार लाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। शराब लाने लाने ले जाने के लिए डाक गाडियों और एम्‍बुलेंस का भी इस्‍तेमाल होता रहा है। पुलिस एक का पर्दाफाश करती है तो तस्‍कर दूसरे तरीके इजाद कर लेते हैं।


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