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Khagaria News: खगड़िया में 5 हजार से अधिक बच्चे हैं कुपोषित, दूर करने के लिए योजनाएं संचालित

पोषण माह आरंभ है। कुपोषण के विरुद्ध लगातार जंग लड़ी जा रही है। कुपोषण को दूर करने को लेकर सरकारी स्तर पर अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है।

By Amit JhaEdited By: Umesh KumarPublished: Sun, 18 Sep 2022 08:34 PM (IST)Updated: Mon, 19 Sep 2022 04:56 AM (IST)
Khagaria News: खगड़िया में 5 हजार से अधिक बच्चे हैं कुपोषित, दूर करने के लिए योजनाएं संचालित
खगड़िया में 5 हजार से अधिक बच्चे हैं कुपोषित।

खगड़िया, [अमित झा]। पोषण माह आरंभ है। कुपोषण के विरुद्ध लगातार जंग लड़ी जा रही है। कुपोषण को दूर करने को लेकर सरकारी स्तर पर अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है। फिर भी बच्चे कुपोषित हो रहे हैं। जिले में पांच हजार से अधिक कुपोषित बच्चे हैं। जिसमें तीन हजार के करीब बच्चों की उम्र छह वर्ष से कम है। दो हजार से अधिक बच्चे छह वर्ष से अधिक आयु वर्ग के हैं।

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जिले में 1770 आंगनबाड़ी केंद्र हैं संचालित

जिले में बच्चों के कुपोषण को दूर करने को लेकर 1770 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। जहां बच्चों को पोषाहार दिए जाने के साथ गर्भवती, धातृमाता और किशोरी को भी पोषाहर दिए जाते हैं। उनकी स्वास्थ्य जांच भी की जाती है। फिर भी कुपोषण दूर नहीं हो पा रहा है।

इन केंद्रों का संचालन मुख्यत कुपोषण दूर करने के लिए ही किया जा रहा है। इसके अलावा विद्यालयों में एमडीएम के साथ फल और अंडा योजना चलाई जा रही है। कुपोषण को लेकर ही आंगनबाड़ी केंद्र पर पोषण वाटिका भी संचालित है।

सही पोषण के अभाव में होते हैं कुपोषण के शिकार

चिकित्सक के अनुसार कुपोषण का रिश्ता मां से भी है। कुछ बच्चे बाद में कुपोषित होते हैं। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. ट्विंकल के अनुसार सही पोषण के अभाव में बच्चे कुपोषण का शिकार होते हैं। महिलाओं का ऐनिमिक होना सबसे बड़ा कारण है। खून की कमी के कारण गर्भवती के गर्भ में पल रहे बच्चों पर भी गहरा असर पड़ता है। बाद में भी नवजात को मां का दूध सही ढंग से नहीं मिल पाना बच्चों के लिए कुपोषण का कारण बनता है।

शरीर में विटामिन की सही मात्रा कुपोषण से रखता है दूर

कुपोषण से बचाव को लेकर सर्वप्रथम गर्भवती के पोषण पर ध्यान देना होगा। बच्चे कुपोषण का शिकार न हो, इसके लिए मां का दूध बच्चे को नियमित देना चाहिए। बच्चों को माह के अनुसार आहर अनिवार्य रूप से देना है। बेहतर खानपान के साथ पौष्टिक भोजन, फल, हरी सब्जी आदि का उपयोग आवश्यक है। जिससे शरीर को आवश्यक मात्रा में विभिन्न पोषक तत्वों की पूर्ति होती रहे। शरीर में विटामिन की सही मात्रा कुपोषण से दूर रखता है।

आइसीडीएस के अधिकारी सुनीता कुमारी के अनुसार कुपोषण को दूर करने को लेकर कई योजनाएं संचालित की जा रही है। जिसका लाभ संबंधित लाभुकों को मिल रहा है।


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