वेब पर अपलोड है: अगहन में कोसी कर रही कटाव, दहशत में नदी किनारे के लोग
कोसी कब किस करवट बैठे कब कौन सा करवट बदले इसका पता किसी को नहीं है।
संवाद सूत्र, बेलदौर (खगड़िया): कोसी कब किस करवट बैठे, कब कौन सा करवट बदले, इसका पता किसी को नहीं है। कोसी की गति-मति का पता किसी को नहीं चल पाता है। यह नदी अलबेली है। कोई ठोर-ठिकाना नहीं है। इस वर्ष सावन-भादो में कोसी ने जमकर कहर ढाया। जिले के वीरवास, गांधीनगर- इतमादी और सहरौन के लोग सावन-भादो में रतजगा करने को विवश रहे। गांधीनगर में तो कई घर नदी में समा गए। एक विद्यालय का पुराना भवन भी कोसी की कटाव का भेंट चढ़ा। अब अगहन में कोसी तांडव मचाने को आतुर है।
कोसी की धारा मुड़ने से तेलिहार पंचायत की ठाकुर बासा के समीप भीषण कटाव शुरू हो गया है। जिससे ग्रामीणों में दहशत है। बीते एक सप्ताह से कटाव जारी है। 15 एकड़ में लगी मक्का की फसल कोसी के गर्भ में समा चुकी है। कोसी कटाव करते-करते जमींदारी बांध की ओर बढ़ रही है। अब कटाव स्थल से जमींदारी बांध की दूरी 35 मीटर के आसपास रह गई है। कई परिवारों के ऊपर विस्थापन का खतरा मंडरा रहा है। वकील सिंह, प्रकाश ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह, संजय सिंह, विलास सिंह आदि के घरों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। नदी की धारा मुड़ने से कोसी जमींदारी बांध को अपनी चपेट में लेने को आतुर बनी हुई है। ग्रामीणों के मुताबिक कटाव पर जल्द अंकुश नहीं लगाया गया, तो जमीदारी बांध समेत कई परिवारों को विस्थापित होना पड़ेगा। मालूम हो कि तेलिहार पंचायत कोसी कटाव से प्रभावित रहा है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-दो, खगड़िया के कनीय अभियंता मणिकांत पटेल ने बताया कि सूचना मिली है। जांच कर कटाव की रोकथाम को लेकर वरीय अधिकारियों को सूचना दी जाएगी।