खगड़िया की मौसम अनुकूल खेती से परिचित होंगे अन्य जिलों के किसान
खगड़िया। कृषि विज्ञान केंद्र खगड़िया की ओर से जिले में चलाए जा रहे मौसम अनुकूल कृषि से अब
खगड़िया। कृषि विज्ञान केंद्र खगड़िया की ओर से जिले में चलाए जा रहे मौसम अनुकूल कृषि से अब अन्य जिले के किसान भी अवगत होंगे। इसे लेकर कृषि विश्वविद्यालय सबौर की ओर से डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जा रही है। इस फिल्म के माध्यम से अन्य जिलों के किसानों को मौसम अनुकूल खेती को लेकर प्रेरित किया जाएगा। डॉक्यूमेंट्री को लेकर बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर की टीम खगड़िया पहुंच चुकी है। टीम ने अमनी गांव में मौसम अनुकूल की गई खेती का अवलोकन किया। किसानों से जानकारी ली। इस दौरान ड्रोन व अन्य कैमरे की मदद से वीडियोग्राफी भी की गई।
टीम ने किसानों से बातचीत की
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय विज्ञानी एवं प्रधान डॉ. अनिता कुमारी व प्रोजेक्ट के नोडल ऑफिसर एनके सिंह भी उपस्थित थे। इस मौके पर जीरो टिलेज व हैप्पी सीडर विधि से की गई खेती का निरीक्षण किया। वरीय विज्ञानी ने कृषि कार्यक्रम के निर्धारित लक्ष्य एवं उपलब्धियों पर विशेष चर्चा की। जल, पोषक तत्व व खरपतवार आदि के समुचित प्रबंधन, बुआई तकनीक, हैप्पी सीडर, सुपर सीडर आदि को लेकर चर्चा हुई। फसल अवशेष प्रबंधन पर भी किसानों से बात की गई।
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मौसम अनुकूल खेती को लेकर पांच गांव चयनित
नोडल अधिकारी ने बताया कि मौसम अनुकूल कृषि कार्यक्रम के अंतर्गत रबी मौसम में जिले के कुल पांच गांव अमनी, रॉको, चंद्रनगर, मेहसौढ़ी व चतरा में हैप्पी सीडर, जीरो टिलेज से 165 एकड़ में गेहूं, रेज्ड बेड तकनीक से 50 एकड़ में मक्के की बुआई, 50 एकड़ में मसूर की बुआई एवं जीरो टिलेज से 35 एकड़ में राई- सरसों की बुआई की गई है। केविके प्रधान ने बताया कि खगड़िया में एक वर्ष पूर्व ही जलवायु अनुकूल खेती का शुभारंभ हुआ था। जबकि कई जिले में बीते माह यह कार्यक्रम आरंभ हुआ है। जिसे लेकर खगड़िया में विश्वविद्यालय स्तर से डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जा रही है।