फर्जी डिग्री पर बहाल शिक्षकों की सूची नहीं उपलब्ध करा रहे हैं बीईओ
खगड़िया। फर्जी डिग्री पर अब भी कई शिक्षक कार्यरत हैं। फर्जी डिग्री पर बहाल शिक्षकों की ख
खगड़िया। फर्जी डिग्री पर अब भी कई शिक्षक कार्यरत हैं। फर्जी डिग्री पर बहाल शिक्षकों की खगड़िया में लंबी फेहरिस्त है। उच्च न्यायालय पटना के आदेश पर पांच साल पहले इसकी जांच को लेकर निगरानी को जिम्मा दिया गया। निगरानी विभाग द्वारा गहन जांच को लेकर डीएसपी कन्हैयालाल को जवाबदेही दी गई। परंतु, निगरानी डीएसपी को भी भ्रम में रखकर अब भी ऐसे शिक्षक स्कूलों में कार्यरत हैं और हर माह वेतन उठा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इसमें कई बीईओ की मिलीभगत है। बीईओ की अनुशंसा पर ही विभाग द्वारा वेतनादि का भुगतान किया जाता है। एक महीना पहले ही विभाग को जब संज्ञान में आया, तो सभी बीईओ से नवभारत शिक्षा परिषद राउरकेला, उड़ीसा की डिग्री पर बहाल शिक्षकों की सूची की मांग की गई। अब तक दो बीईओ द्वारा ही विभाग को आनन-फानन में सूची उपलब्ध कराई गई है। जिसमें 20 मामले इस तरह के सामने आए हैं। बेलदौर बीईओ द्वारा डेढ़ दर्जन ऐसे शिक्षकों के कार्यरत होने की बात सूची में शामिल की गई है। जबकि गोगरी बीईओ द्वारा दो शिक्षकों के इस डिग्री पर बहाली व नौकरी करने की बात कबूल की गई है। अब तक खगड़िया, मानसी, चौथम, अलौली व परबत्ता बीईओ द्वारा विभाग को सूची उपलब्ध नहीं कराई गई है। कहा जाता है कि बीईओ पर सूची नहीं भेजने का कई स्तरों पर दबाव है। इसलिए वे सूची विभाग को उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। विभागीय अधिकारी बीईओ की सूची के इंतजार में हैं। सूची मिलने पर ऐसे फर्जी शिक्षकों के वेतनादि पर पहले रोक लगाई जाएगी, उसके बाद संबंधित नियोजन इकाईयों को सेवा से बर्खास्त को लेकर लिखा जाएगा। मामला केवल नवभारत शिक्षा परिषद का ही नहीं है। लोगों का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद दिल्ली की डिग्री पर भी कई शिक्षक बहाल हैं और स्कूलों में कार्यरत हैं। निगरानी टीम ने पहले ऐसे डिग्री पर बहाल 52 शिक्षकों पर संबंधित थानों में केस भी दर्ज कराया था। ऐसे शिक्षकों को बर्खास्त भी किया गया। जिन्हें बर्खास्त किया गया, उसके बाद भी कई शिक्षक स्कूलों में फर्जी डिग्री पर बहाल हैं और बीईओ की मदद से उन्हें हर महीना वेतनादि भी भुगतान हो रहा है। न्यायालय से लेकर कई स्तरों पर सुनवाई के दौरान भी ऐसे डिग्री पर बहाल शिक्षकों को अवैध माना गया है। 52 पंचायत सचिवों ने तो निगरानी को फोल्डर ही उपलब्ध नहीं कराया। जिस कारण निगरानी को ऐसे सचिवों पर केस दर्ज कराना पडा। हालत यह है कि जिले के स्कूलों में बहाल फर्जी डिग्री के शिक्षकों की गहन जांच को लेकर निगरानी डीएसपी कन्हैयालाल को जवाबदेही दी गई है, मगर सूत्र का कहना है कि वे कभी- कभार ही खगड़िया आते हैं। अब तक कितने की जांच हो पाई, इसकी सूचना भी विभाग को उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है। विभाग ने दोबारा बीईओ को निर्देश दिया है कि दो दिनों के भीतर फर्जी डिग्री पर बहाल शिक्षकों की सूची उपलब्ध कराई जाए, ताकि आगे प्रक्रिया अपनाई जा सके।
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अब तक दो प्रखंडों में 20 मामले सामने आए हैं। शेष बीईओ को दो दिनों में अभिलेख से मिलान कर सूची देने को कहा गया है। बावजूद सूची उपलब्ध नहीं कराई कई, तो संबंधित बीईओ के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।
राजदेव राम, जिला शिक्षा पदाधिकारी, खगड़िया