फरकिया की बहू-बेटियां लहरा रही हैं परचम
खगड़िया। फरकिया अर्थात खगड़िया की महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं है। य
खगड़िया। फरकिया अर्थात खगड़िया की महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं है। यहां की महिलाएं साक्षरता, स्वच्छता से लेकर खेल आदि में परचम लहरा चुकी है। यहां की महिलाएं नारी सशक्तिकरण की मिसाल बन चुकी है। हाल ही में जिले की लवली कुमारी, रागिनी कुमारी सहित आधा दर्जन से अधिक बेटियां दारोगा बनी। खेल में महिला क्रिकेट टीम में वर्ष 2018 में अंडर 19 में जिले की बेटी अपराजिता कश्यप का चयन हुआ। जबकि वर्ष 2017 में अंडर-19 में विशालाक्षी का चयन हुआ था। इनका चयन जोनल टीम में भी हुआ था। जबकि हॉकी में अंजू छह दफा नेशनल चैंपियनशिप खेल चुकी है। अपनी मेहनत के बल पर हॉकी में परचम लहरा रही है। रौन, अलौली की नाजरीन आगा 2017 में आयोजित आठवें जूनियर
नेशनल हॉकी चैंपियनशिप में बिहार का परचम लहरा चुकी है। नवनीत कौर के बारे में क्या कहना। जब मैदान पर हॉकी स्टिक लेकर उतरती हैं तो बड़े-बड़े खिलाड़ियों के दांत खट्टे कर देती हैं। बिहार टीम से दो दफा नेशनल प्रतियोगिता में खेल चुकी हैं। शतरंज में गोगरी की साक्षी राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी है। साक्षरता में अभिलाषा राज्य स्तर पर पहचान बना चुकी है। दिव्यांगता के बावजूद साक्षरता में उत्कृष्ट कार्य के लिए वे मुख्यमंत्री व राज्यपाल के हाथों सम्मानित हो चुकी है। साक्षरता में ही मुमताज बेगम राष्ट्रपति से पुरस्कार पा चुकी है। इन दोनों ने घर की दहलीज लांघते हुए महिलाओं को साक्षर बनाने में मिसाल कायम की। स्वच्छता की बात करें तो तत्कालीन मुखिया निर्मला देवी ने रामपुर पंचायत को सूबे का पहला खुले में शौच से मुक्त पंचायत बनाया। चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. ट्विंकल परचम लहरा रही है।
यहां की महिलाएं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं। जीविका के तहत महिलाएं गोपालन, मुर्गा पालन, डेयरी संचालन के अलावा मक्के का व्यवसाय कर रही हैं। गोगरी में 2937 एसएचजी, 228 ग्राम संगठन, चार संकुल केंद्र हैं। जिससे 37 हजार 256 महिलाएं जुड़ी हुई हैं।