सीएमआर मिल के चयन में समानता के नियमों की अनदेखी
खगड़िया। जिले में सीएमआर चावल मिल के चयन में समानता के नियमों का अनुपालन नहीं किया जा रह
खगड़िया। जिले में सीएमआर चावल मिल के चयन में समानता के नियमों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। इससे धान की खरीदारी प्रभावित होने की बात कही जा रही है। धान की खरीदारी में उदासीनता बरते जाने से किसान परेशान हैं।
सीएमआर चावल रखने का गोदाम जिला मुख्यालय स्थित कृषि उत्पादन बाजार समिति के परिसर में है। जबकि सदर प्रखंड के एक भी चावल मिल का चयन नहीं किया गया है। जिला आपूर्ति पदाधिकारी आदित्य कुमार पीयूष ने बताया कि जिले के 15 मिलरों ने चावल कुटाई करने के लिए आवेदन दिया था। जिसमें 11 मिलरों को सीएमआर चावल की कुटाई करने की अनुमति दी गई। इसमें अलौली प्रखंड अंतर्गत लदौरा, हरिपुर एवं भिखारी घाट में एक-एक चावल मिल, बेलदौर में तीन, गोगरी प्रखंड में तीन, चौथम प्रखंड में एक एवं मानसी प्रखंड में स्थित एक मिल हैं। सदर प्रखंड के छह पैक्स अध्यक्षों के द्वारा धान की खरीदारी की जा रही है। सदर प्रखंड में चावल मिल चयनित नहीं रहने के कारण पैक्स अध्यक्षों को अलौली के गांवों में स्थित मिलरों के पास जाना पड़ता है।
सदर प्रखंड से अलौली चावल मिल तक धान ले जाने में 125 रुपये प्रति क्विटल खर्च आता है। जबकि सदर प्रखंड में चावल मिल रहने से 50 रुपये से भी कम राशि में सीएमआर चावल गोदाम तक पहुंच जाएगा।
खेल दरअसल यहीं है। पैक्स अध्यक्षों को धान और चावल ढुलाई का खर्च एसएफसी के द्वारा दिया जाता है। जिसका दर निर्धारित है। ऐसे में सवाल यह कि पैक्स अध्यक्ष कैसे अपने जेब से राशि लगाकर धान की खरीदारी कर रहे हैं? जिलाधिकारी अनिरुद्ध कुमार ने इस संबंध में बताया कि जिन मिलरों के द्वारा नियमों का अनुपालन किया गया है। उन्हें ही सीएमआर चावल मिलिग की अनुमति दी गई है।